इजरायल के हमलों से दहली कतर की राजधानी दोहा, हमास के टॉप लीडरशिप को बनाया निशाना, चारों तरफ विस्फोटों की गूंज
कतर की राजधानी दोहा में मंगलवार को कई धमाकों से दहशत फैल गई. इजरायली सेना ने दावा किया कि यह हमला हमास के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने के लिए किया गया था. सेना का कहना है कि ये वही नेता हैं जिन्होंने 7 अक्टूबर के नरसंहार की साजिश रची थी और इजरायल के खिलाफ मौजूदा जंग को अंजाम दे रहे हैं. कतर ने इस हमले को 'कायराना कार्रवाई' बताते हुए कड़ी निंदा की है.
मध्य पूर्व की राजनीति को झकझोर देने वाली बड़ी घटना कतर में सामने आई है. दोहा में इजरायल की एयर स्ट्राइक ने उस विवाद को और गहरा कर दिया है, जिसमें पहले से ही गाजा युद्ध और युद्धविराम वार्ता अटकी पड़ी थी.
इजरायली सेना ने दावा किया है कि उसने हमास के वरिष्ठ नेताओं को सटीक निशाना बनाते हुए हमला किया, जबकि कतर ने इसे अपनी संप्रभुता पर हमला बताया.
हमास नेतृत्व पर सीधा वार
इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) और उसकी सुरक्षा एजेंसी ISA ने संयुक्त बयान में कहा कि यह हमला हमास की 'वरिष्ठ नेतृत्व टीम' को खत्म करने के लिए किया गया. बयान के मुताबिक 'ये नेता ही 7 अक्टूबर को हुए नरसंहार के जिम्मेदार थे और इजरायल के खिलाफ मौजूदा जंग की रणनीति बना रहे थे.' इजरायल ने यह भी कहा कि इस ऑपरेशन में अत्याधुनिक और सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया गया ताकि आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे.
दोहा में धमाकों से दहशत
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार सुबह दोहा के कई इलाकों में धमाकों की आवाज गूंजी. लोग भयभीत होकर घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए. कहा जा रहा है कि यह हमला हमास के उन दफ्तरों और ठिकानों पर किया गया, जहां संगठन की राजनीतिक इकाई लंबे समय से काम कर रही थी. ध्यान देने वाली बात यह है कि दोहा हमास की राजनीतिक गतिविधियों का मुख्यालय माना जाता है.
कतर का कड़ा विरोध
कतर ने इस हमले को 'कायराना और खतरनाक कार्रवाई' करार देते हुए इसकी निंदा की. कतर सरकार ने कहा कि यह हमला उसकी संप्रभुता और सुरक्षा पर सीधा आघात है. कतर वर्षों से हमास और इजरायल के बीच बातचीत में मध्यस्थ की भूमिका निभाता रहा है, लेकिन इस हमले ने कूटनीतिक हालात और बिगाड़ दिए हैं. कतर का कहना है कि इजरायल की यह कार्रवाई युद्धविराम और बंधकों की रिहाई की बातचीत को गंभीर रूप से प्रभावित करेगी.
वार्ता पर मंडराते संकट
गाजा युद्ध को लेकर इजरायल और हमास के बीच पहले से ही तनाव है. युद्धविराम और इजरायली बंधकों की रिहाई पर बातचीत कतर और मिस्र की मध्यस्थता से हो रही थी. लेकिन अब दोहा में हमले के बाद यह वार्ता लगभग असंभव दिख रही है. विश्लेषकों का मानना है कि इस हमले के बाद न केवल कूटनीतिक प्रयास प्रभावित होंगे, बल्कि क्षेत्रीय तनाव भी और बढ़ सकता है.
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