India Concerned Over Smartphone Manufacturing: स्मार्टफोन निर्यात को लेकर भारत सरकार खासी चिंतित नजर आ रही है. खबर है कि चीन और वियतनाम भारत को स्मार्टफोन निर्यात में पीछे छोड़ सकते हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, आईटी मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को एक सीक्रेट लेटर लिखा है और इस मामले में चिंता जताई है. इस लेटर में कहा गया है कि असंतुलित टैरिफ चार्ज के कारण देश स्मार्टफोन उत्पादन में पीछे छूट सकता है.
इस लेटर में कहा गया है कि देश में स्मार्टफोन उत्पादन की लागत अन्य प्रमुख स्मार्टफोन उत्पादक देशों की तुलना में कहीं ज्यादा है. इस वजह से प्रमुख स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियां ऐसे देशों की ओर रुख कर सकती हैं जहां उन्हें कारोबार का अच्छा माहौल मिलेगा. कंपनियां अपना कारोबार चीन, वियतनाम, मैक्सिको और थाईलैंड जैसे देशों में शिफ्ट कर सकती हैं. यह भारत के लिए चिंता की बात है और पीएम मोदी के आत्मनिर्भर अभियान के लिए एक बड़ा झटका है.
रिपोर्ट के अनुसार, मेड इन इंडिया बैज वाले फोन में इस्तेमाल होने वाले अधिकांश पार्ट देश में ही बनाए जाते हैं लेकिन कुछ जरूरी पार्ट की आवश्यकता के लिए कंपनियों को अन्य देशों की ओर रुख करना पड़ता है. इन उत्पादों पर सरकार द्वारा स्थानीय उत्पादनकर्ताओं को सुरक्षित करने के लिए हाई टैरिफ चार्ज लगाया जाता है. अधिक टैरिफ चार्ज की वजह से स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों को नुकसान का सामना करना पड़ता है और उनके द्वारा निर्मित उत्पाद की कीमत खासी बढ़ जाती है.
चंद्रशेखर द्वारा लिखे गए लेटर में कहा गया है कि किस तरह चीन और वियतनाम की सरकारों ने कम टैक्स दर की नीति को अपनाकर दुनियाभर में सबसे ज्यादा अपने निर्यात बढ़ाया. उन्होंने कहा कि भारत को स्मार्टफोन के उत्पादन में अग्रणी देश बनाने के लिए एक साल में 100 बिलियन डॉलर के लक्ष्य को हासिल करना होगा जिसमें 50 फीसदी का निर्यात भी शामिल है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नए सिरे से रणनीति बनाने और विचार करने की आवश्यकता है. हाई टैरिफ चार्ज इसके लिए सबसे अहम कारक है. अब हमें अपनी टैरिफ नीतियों को निर्यात के हिसाब से बनाना होगा ताकि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत का अहम स्थान बना रहे.