'परमाणु बम से लैस भारत-पाकिस्तान की रुकवाई वॉर', इजरायली संसद में ट्रंप ने फिर से किया दावा
Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को रोकने में अहम भूमिका निभाई थी.
Donald Trump in the Israeli Parliament: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को रोकने में अहम भूमिका निभाई थी. इजरायल की संसद में बोलते हुए ट्रंप ने कहा कि उनके हस्तक्षेप के कारण दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसी देशों के बीच तनावपूर्ण हालात शांत हुए थे.
भारत-पाक तनाव को कम करने में अहम भूमिका
ट्रंप ने यह भी जोड़ा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को टालने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलने का अफसोस है. उन्होंने कहा, “मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध टाला था. सब कुछ नियंत्रण से बाहर जा रहा था, लेकिन मेरे हस्तक्षेप से स्थिति संभल गई.”
यह पहली बार नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा दावा किया है. वे पहले भी कई मौकों पर यह कह चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाक तनाव को कम करने में अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि, भारत और पाकिस्तान दोनों की ओर से इस दावे की कभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई.
ट्रंप ने यह बयान उस समय दिया जब वे गाजा शांति समझौते से जुड़ी एक घटना में बोल रहे थे. इस समझौते का उद्देश्य इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच दो वर्ष से जारी युद्ध को समाप्त करना था. ट्रंप ने कहा कि उनकी कोशिशें सिर्फ पश्चिम एशिया तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उन्होंने कई देशों के बीच पुल बनाने का प्रयास किया है ताकि स्थायी शांति स्थापित की जा सके.
अपने भाषण में ट्रंप ने कहा, “आधुनिक इजरायल की स्थापना के पहले दिन से ही हर परिस्थिति में हम साथ रहे हैं. हमने असंभव को संभव किया, अपने बंधकों को घर वापस लाए और अब हम उस भविष्य का निर्माण कर रहे हैं जिस पर आने वाली पीढ़िया गर्व करेंगी. हम तेल अवीव से दुबई, हैफा से बेरूत, इजरायल से मिस्र, सऊदी अरब से कतर, भारत से पाकिस्तान, तुर्की से जॉर्डन, यूएई से ओमान और आर्मेनिया से अजरबैजान तक शांति के पुल बनाएंगे. एक और युद्ध जो मैंने समाप्त करवाया.”
2019 के बाद दोनों देशों के बीच तनाव
उनके इस बयान पर कनेस्सेट के सदस्यों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने का दावा किया है. इससे पहले भी वे कई मौकों पर यह कह चुके हैं कि 2019 के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने पर उन्होंने हस्तक्षेप किया था.
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप अपने कूटनीतिक प्रयासों को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश करते हैं, विशेषकर तब जब वे भविष्य में राजनीतिक वापसी की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं. कई विश्लेषकों का यह भी कहना है कि उनका “नोबेल शांति पुरस्कार” पाने का सपना अभी भी जीवित है और ऐसे बयानों के माध्यम से वे खुद को एक वैश्विक शांति-स्थापक के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहे हैं.
हालांकि भारत या पाकिस्तान की ओर से ट्रंप के इस ताजा दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन इस तरह के बयान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चर्चा का विषय जरूर बन जाते हैं.
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