रूस की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ने की तैयारी, जीवाश्म ईंधन आयात खत्म करने के करीब पहुंचा यूरोपीय संघ
यूरोपीय संघ जल्द ही रूसी जीवाश्म ईंधन आयात खत्म करने पर अंतिम समझौते के करीब है. यह कदम ऊर्जा निर्भरता समाप्त करने की दिशा में स्थायी बदलाव साबित होगा. संघ के सदस्य देश 2027 तक गैस आयात बंद करने के प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे हैं.
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद यूरोप में ऊर्जा सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है. इसी पृष्ठभूमि में यूरोपीय संघ रूसी जीवाश्म ईंधन से हमेशा के लिए दूरी बनाने की दिशा में निर्णायक कदम उठा रहा है.
ब्रसेल्स में होने वाली अहम बैठक में वह तारीख तय की जाएगी, जब रूसी गैस का आयात पूर्ण रूप से रोक दिया जाएगा. यह फैसला न केवल मौजूदा संकट का समाधान होगा बल्कि यूरोप के दीर्घकालिक ऊर्जा ढांचे को भी नई दिशा देगा.
रूसी ईंधन से दूरी पर अंतिम दौर की बातचीत
यूरोपीय आयोग, सदस्य देशों और संसद के प्रतिनिधि मंगलवार शाम मिलने वाले हैं. इस बैठक में उस नियमन की अंतिम रूपरेखा तय की जाएगी, जिसके तहत रूसी गैस पर स्थायी प्रतिबंध की तारीख निर्धारित होगी. आयोग ने यह प्रस्ताव जून में रखा था.
ऊर्जा सुरक्षा के लिए बड़ा रणनीतिक कदम
रूस द्वारा गैस आपूर्ति सीमित किए जाने और युद्ध से उत्पन्न ऊर्जा संकट ने यूरोप को नया रास्ता चुनने पर मजबूर किया. आयोग का कहना है कि यह प्रतिबंध सुरक्षा जोखिमों को कम करेगा और सदस्य देशों को विश्वसनीय स्रोतों की ओर स्थानांतरित करेगा.
अमेरिका की शांति पहल के बावजूद निर्णय कायम
हालांकि ताज़ा दिनों में अमेरिका ने यूक्रेन में शांति की कोशिशें तेज की हैं, लेकिन यूरोपीय संघ रूसी गैस से दूरी बनाए रखने पर अडिग है. संभावित समझौते की अटकलों ने गैस कीमतों में लगातार गिरावट भी दर्ज कराई है.
समयसीमा पर सदस्य देशों में मतभेद
यूरोपीय परिषद 2027 तक पूर्ण प्रतिबंध का समर्थन कर रही है, जबकि संसद इसे एक वर्ष पहले यानी 2026 तक लागू करना चाहती है. इससे पाइपलाइन और समुद्री मार्ग से गैस आयात बंद करने का समय एक जैसा हो जाएगा.
RePowerEU के तहत स्थायी बदलाव
आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह कदम केवल अस्थायी प्रतिबंध नहीं है, बल्कि RePowerEU के तहत दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है. शांति समझौते की स्थिति में भी यह कानून प्रभावी रहेगा और यूरोप की रूस पर निर्भरता समाप्त करने का लक्ष्य कायम रहेगा.
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