"नो किंग्स” प्रदर्शन का ट्रंप ने उड़ाया मजाक, एआई वीडियो में खुद बने ‘राजा’, देखें मजेदार VIDEO
Trump No Kings demonstration: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ आयोजित विशाल “नो किंग्स” प्रदर्शनों के बाद एक बार फिर विवाद छिड़ गया है. शनिवार को देशभर में हुए इन प्रदर्शनों के जवाब में राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर एआई-जनित (AI-generated) वीडियो पोस्ट किए, जिनमें वे खुद को “किंग” के रूप में दिखा रहे हैं. इन वीडियो ने इंटरनेट पर तेजी से हलचल मचा दी है.
Donald Trump No Kings demonstration: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आए दिन कुछ न कुछ ऐसा करते रहते हैं जिससे वे सुर्खियों में बने रहते हैं. एक बार फिर ट्रंप ने कुछ ऐसा किया है जिससे सोशल मीडिया पर हलचल मच गई है. दरअसल, ट्रंप के खिलाफ आयोजित विशाल "नो किंग्स" प्रदर्शनों के बाद एक बार फिर विवाद छिड़ गया है. शनिवार को देशभर में हुए इन प्रदर्शनों के जवाब में राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एआई-जनरेटेड वीडियो पोस्ट किए, जिनमें वे खुद को "किंग" के रूप में दिखा रहे हैं. इन वीडियो ने इंटरनेट पर तेजी से हलचल मचा दी है.
वीडियो में क्या था खास?
पहले वीडियो में ट्रंप एक सोने के मुकुट (क्राउन) के साथ फाइटर जेट उड़ाते दिखाई देते हैं, जो नीचे विरोध कर रही भीड़ पर कथित तौर पर मल (faeces) गिराता है. पृष्ठभूमि में हॉलीवुड फिल्म Top Gun का प्रसिद्ध गीत “Danger Zone” बजता सुनाई देता है. एक अन्य वीडियो में, जिसे टीम ट्रंप ने इंस्टाग्राम पर साझा किया, राष्ट्रपति को व्हाइट हाउस के सामने राजसी पोशाक में खड़े दिखाया गया है, जबकि बैकग्राउंड में एंड्रिया बोचेली का संगीत बज रहा है. इन वीडियो को ट्रंप समर्थकों ने राजनीतिक व्यंग्य बताया, जबकि आलोचकों ने इसे “लोकतंत्र और नागरिक असहमति का मज़ाक उड़ाना” कहा.
शनिवार को हुए “नो किंग्स” प्रदर्शनों में अनुमानतः सात मिलियन (70 लाख) लोगों ने हिस्सा लिया. यह प्रदर्शन अमेरिका के सभी 50 राज्यों में हुए न्यूयॉर्क से लेकर लॉस एंजिलिस तक, और ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित निवास मार-ए-लागो के आसपास तक. आयोजकों ने इसे लोकतंत्र की रक्षा के लिए शांतिपूर्ण जन-आवाज बताया, वहीं रिपब्लिकन नेताओं ने इन प्रदर्शनों को “हेट अमेरिका रैली” कहकर खारिज किया.
संघीय सरकार का शटडाउन
वॉशिंगटन डीसी में संघीय सरकार का शटडाउन तीसरे हफ्ते में जारी था. प्रदर्शनकारियों ने “Hey hey, ho ho, Donald Trump has got to go!” जैसे नारे लगाए और अमेरिकी झंडे लहराए, जिनमें से कुछ उल्टे फहराए गए थे, जो संकट का प्रतीक माना जाता है. प्रदर्शनकारियों के हाथों में “Protect Democracy” और “Abolish ICE” जैसे बैनर भी देखे गए.
Indivisible नामक प्रगतिशील संगठन की सह-संस्थापक लिया ग्रीनबर्ग ने कहा, “अमेरिका में राजशाही नहीं है. ‘हमारे पास राजा नहीं हैं’ कहना और शांतिपूर्ण विरोध करना सबसे अमेरिकी परंपरा है.” न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में आयोजित मुख्य प्रदर्शन में लगभग एक लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया. पुलिस ने बताया कि इतने बड़े जनसमूह के बावजूद किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई. इसी तरह बोस्टन, फिलाडेल्फिया, अटलांटा, डेनवर, शिकागो और सिएटल में भी हज़ारों लोग सड़कों पर उतरे.
लोकतंत्र की गंभीर चुनौतियों पर परदा डालने की कोशिश
पश्चिमी तट (वेस्ट कोस्ट) पर लॉस एंजिलिस के डाउनटाउन क्षेत्र में और सिएटल के स्पेस नीडल के पास एक मील लंबी रैली में हज़ारों प्रदर्शनकारी शामिल हुए. सैन डिएगो में भी 25,000 से अधिक लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताया. विशेषज्ञों का मानना है कि ये प्रदर्शन ट्रंप की नीतियों को लेकर जनता की बढ़ती असंतुष्टि का संकेत हैं .
विशेष रूप से आव्रजन (इमिग्रेशन) पर सख्त रुख, विरोधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और शहरों में नेशनल गार्ड की तैनाती जैसे कदमों को लेकर. ट्रंप के एआई वीडियो भले ही उनके समर्थकों को मनोरंजक लग रहे हों, लेकिन आलोचक इसे लोकतंत्र की गंभीर चुनौतियों पर परदा डालने की कोशिश मान रहे हैं.
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