US-India War: कुछ ही समय पहले पाकिस्तान ने डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया था, जिसके चलते इस बारे में काफी बातचीत हुई थी. हालांकि, केवल इतना ही नहीं, उन्होंने ट्रंप के परिवार और करीबी बिजनेस फ्रेंड्स को पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल (पीसीसी) नाम के एक नए प्रोजेक्ट में भी शामिल किया, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान को दक्षिण एशिया में क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र में लीडर बनाना है.
बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के कुछ ही दिनों बाद, पाकिस्तान ने वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (WLF) नाम की एक अमेरिकी कंपनी के साथ एक समझौता किया. इस कंपनी को ट्रंप के परिवार का फुल सपोर्ट मिलता है. इसमें उनके बेटे एरिक और डोनाल्ड जूनियर और उनके दामाद जेरेड कुशनर शामिल हैं. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन जैसे विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम दिखाता है कि ट्रंप भारत की तुलना में पाकिस्तान को कैसे आगे रख रहे हैं.
सुलिवन ने आगे कहा कि अगर बाकी के देश जैसे जर्मनी, जापान या कनाडा ऐसी स्थिति देखेंगे तो उनमें चिंता बढ़ेगी. साथ ही उनके मन में सवाल भी उठेगा कि क्या वो अभी भी अमेरिका पर भरोसा कर सकते हैं या फिर उस पर निर्भर रह सकते हैं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि ट्रंप का यह व्यवहार अमेरिका के अपने ग्लोबल कॉलेब्रेटर्स के साथ संबंधों को नुकसान पहुंचा सकता है.
ट्रंप के कार्यकाल में भारत के साथ व्यापार पर असर पड़ा. उन्होंने भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगा दिए, जबकि पाकिस्तान पर केवल 19% टैरिफ लगा. शुरुआत में, ट्रंप ने चीन के साथ व्यापार युद्ध छेड़ा था, लेकिन जब चीन ने भी अपने टैरिफ लगाकर जवाबी हमला किया, तो उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए.
सुलिवन ने एक पॉडकास्ट में यह भी कहा कि आज, कई विश्व नेता चीन को अमेरिका से ज्यादा जिम्मेदार और भरोसेमंद मानते हैं. कुछ देश अब अमेरिका पर अपनी निर्भरता कम करने का ऑप्शन देख रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि अमेरिका बहुत चुन रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि अमेरिका पर ज्यादा भरोसा नहीं किया जा सकता है.