'भारत ने जितना बताया उससे ज्यादा बड़ी थी तबाही', ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पाक का अब तक का सबसे बड़ा खुलासा

पाकिस्तानी डोजियर ने भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' की गहराई को उजागर किया है, जिसमें दावा किया गया है कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान में कई अतिरिक्त स्थानों पर हमले किए, जिनका उल्लेख आधिकारिक बयानों में नहीं किया  गया था.

Imran Khan claims
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Operation Sindoor: एक वर्गीकृत पाकिस्तानी डोजियर ने भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' की गहराई को उजागर किया है, जिसमें दावा किया गया है कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान में कई अतिरिक्त स्थानों पर हमले किए, जिनका उल्लेख आधिकारिक बयानों में नहीं किया  गया था.

एक मीडिया रिपोर्ट  मुताबिक, इस दस्तावेज़ में पेशावर, झंग, हैदराबाद (सिंध), गुजरात, गुजरांवाला, बहावलनगर, अटक और चोर जैसे शहरों पर भारतीय हमलों के नक्शे शामिल हैं. ये स्थान भारत के आधिकारिक बयानों से गायब थे, जिनमें केवल आतंकी ठिकानों पर केंद्रित हमलों का ज़िक्र किया गया था.

भारत की रणनीतिक चुप्पी

पाकिस्तानी दस्तावेज़ से संकेत मिलता है कि भारत ने जानबूझकर अतिरिक्त हमलों की जानकारी छिपाई. यह एक रणनीतिक कदम हो सकता है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान को नुकसान की पूरी हद का खुलासा करने के लिए मजबूर करना था. भारतीय सैन्य ब्रीफिंग में केवल नौ स्थानों का उल्लेख किया गया था, जिनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय, मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा, और मुजफ्फराबाद, कोटली, रावलकोट, चकस्वरी, भीमबर, नीलम घाटी, झेलम और चकवाल जैसे स्थान शामिल थे. इस चुप्पी ने इस्लामाबाद के इनकार को कमजोर कर दिया और पाकिस्तान को युद्धविराम के लिए मजबूर किया. 

पाकिस्तान का जवाबी हमला और भारत की दूसरी लहर

भारत के आतंकवाद विरोधी हमलों के जवाब में, पाकिस्तान ने पश्चिमी भारत में नागरिक और सैन्य क्षेत्रों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए. इसके प्रत्युत्तर में, भारत ने दूसरी लहर शुरू की, जिसमें नूर खान, रफीकी, मुरीद, सुक्कुर, सियालकोट, पसरूर, चुनियन, सरगोधा, स्कार्दू, भोलारी और जैकबाबाद जैसे ग्यारह पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को निशाना बनाया गया. इन हमलों ने पाकिस्तान के सैन्य बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचाया, जिसके बाद इस्लामाबाद ने तीन दिन बाद युद्धविराम की मांग की. 

भारत का बदलता रुख

ऑपरेशन सिंदूर ने भारत के सैन्य दृष्टिकोण में बदलाव को दर्शाया। सरकार ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भारतीय धरती पर होने वाली आतंकी घटनाओं को युद्ध का कारण माना जाएगा. टेक्नोलॉजीज की उपग्रह तस्वीरों ने भारतीय वायुसेना की सटीकता और न्यूनतम क्षति के साथ दूर तक हमला करने की क्षमता को रेखांकित किया। इस अभियान ने भारत की सैन्य ताकत, सटीकता और आतंकवाद को पनाह देने वाली संरचनाओं को निशाना बनाने के राजनीतिक संकल्प को प्रदर्शित किया.

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