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इस मुस्लिम देश में सार्वजनिक तौर पर मनाया जा रहा क्रिसमस, कई सालों तक छिपकर पर्सनली मनाते थे लोग

सऊदी अरब में क्रिसमस अब प्राइवेट सेलिब्रेशन से हटकर मॉल्स और इवेंट्स में दिखने वाले, गैर-धार्मिक डिस्प्ले में बदल गया है. विजन 2030, टूरिज्म और प्रवासी संस्कृति की वजह से इस त्योहार को सावधानी से अपनाया जा रहा है.

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Edited By: Princy Sharma
इस मुस्लिम देश में सार्वजनिक तौर पर मनाया जा रहा क्रिसमस, कई सालों तक छिपकर पर्सनली मनाते थे लोग
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: पिछले कुछ सालों में सऊदी अरब में क्रिसमस बहुत बदल गया है. पहले, ज्यादातर विदेशियों द्वारा यह त्योहार बहुत चुपचाप और सिर्फ प्राइवेट घरों या रिहायशी कंपाउंड में मनाया जाता था. पब्लिक में सेलिब्रेशन की इजाजत नहीं थी और लोग लोकल नियमों का पालन करने में सावधानी बरतते थे. लेकिन आज, क्रिसमस धीरे-धीरे पब्लिक जगहों पर दिखने लगा है, जो किंगडम में एक नए और ज्यादा खुले कल्चरल नजरिए को दिखाता है. 

लगभग दस साल पहले, क्रिसमस खुलेआम मनाना मुमकिन नहीं था. 2015 में, धार्मिक प्रतीकों को पब्लिक में दिखाना सख्ती से मना था. विदेशी लोग घरों में छोटी-मोटी पार्टियों के साथ चुपके से सेलिब्रेट करते थे. क्रिसमस ट्री, लाइटें या सजावट प्राइवेट जगहों के बाहर शायद ही कभी दिखती थीं. 

रियाद जैसे शहर में माहौल अलग

अब, माहौल अलग हैं. रियाद और जेद्दा जैसे बड़े शहरों के शॉपिंग मॉल क्रिसमस ट्री, लाइटों और फेस्टिव डिजाइन से सजे होते हैं. कुछ रेस्टोरेंट और कैफे खास सीजनल मेन्यू देते हैं. ये सजावटें कमर्शियल और कल्चरल हैं, धार्मिक नहीं. इनका मकसद फेस्टिव माहौल बनाना है खासकर खरीदारों और आने-जाने वालों के लिए.

क्या है विजन 2030?

यह बदलाव विजन 2030 का हिस्सा है, जो क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में सऊदी अरब को मॉडर्न बनाने की एक नेशनल योजना है. यह विजन एंटरटेनमेंट, टूरिज्म और कल्चरल डाइवर्सिटी पर फोकस करता है. रियाद सीजन जैसे बड़े इवेंट्स में अब विंटर थीम, सजावटी लाइटें, आर्टिफिशियल बर्फ और छुट्टियों वाले एंटरटेनमेंट शामिल हैं, जो दूसरे देशों में क्रिसमस सेलिब्रेशन जैसा लगता है.

क्रिसमस पब्लिक हॉलिडे नहीं

हालांकि, कानूनी सीमाओं को समझना जरूरी है. सऊदी अरब में क्रिसमस पब्लिक हॉलिडे नहीं है. 2025 में ऑफिशियल छुट्टियों में फाउंडिंग डे, ईद अल-फितर, ईद अल-अधा और नेशनल डे शामिल हैं, लेकिन क्रिसमस नहीं. ज्यादातर लोग 25 दिसंबर को काम करते हैं. कुछ विदेशियों को छुट्टी मिल सकती है अगर उनकी कंपनी इसकी इजाजत दे.

प्राइवेट सेलिब्रेशन पूरी तरह से कानूनी हैं. विदेशी लोग क्रिसमस घर पर या कंपाउंड के अंदर मना सकते हैं. क्रॉस या नेटिविटी सीन जैसे पब्लिक धार्मिक प्रतीकों की अभी भी इजाजत नहीं है. लेकिन मॉल और कमर्शियल इलाके गैर-धार्मिक सजावट दिखा सकते हैं. कई वजहों से क्रिसमस ज्यादा दिखने लगा है. 

क्या है कारण?

सऊदी अरब में विदेशियों की बड़ी आबादी है, जिनमें से कई लोग यह त्योहार मनाते हैं. देश ज्यादा इंटरनेशनल टूरिस्ट का भी स्वागत कर रहा है और बिजनेस ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए क्रिसमस थीम का इस्तेमाल करते हैं. यह बदलाव दिखाता है कि सऊदी अरब कैसे परंपरा और मॉडर्न ग्लोबल कल्चर के बीच संतुलन बना रहा है.