भारत से रिश्तों पर बांग्लादेश का यू-टर्न, तनाव के बीच बढ़ाया दोस्ती का हाथ; क्या है इसकी वजह? 

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के साथ रिश्तों को लेकर नरम रुख दिखाया है. वित्त सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने कहा कि ढाका किसी भी सूरत में संबंध खराब नहीं करना चाहता और आर्थिक व कूटनीतिक स्थिरता उसकी प्राथमिकता है.

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Kanhaiya Kumar Jha

नई दिल्ली: भारत और बांग्लादेश के बीच हाल के दिनों में बढ़े कूटनीतिक तनाव के बीच ढाका से सुलह का संकेत सामने आया है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के वित्त सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने साफ किया है कि भारत के साथ रिश्ते बिगाड़ने का कोई इरादा नहीं है.

उन्होंने कहा कि अंतरिम प्रशासन द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. यह बयान ऐसे समय आया है जब दोनों देशों के बीच वीज़ा सेवाओं और विरोध प्रदर्शनों को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है.

भारत से टकराव नहीं चाहता अंतरिम प्रशासन

सचिवालय में एक बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में वित्त सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भारत जैसे बड़े पड़ोसी के साथ किसी भी तरह के कड़वे रिश्ते नहीं चाहती. उनके अनुसार सरकार का मुख्य लक्ष्य द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाना और देश की आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना है. अहमद ने दो टूक कहा कि नई दिल्ली के साथ संवाद और सहयोग ही ढाका की नीति का आधार रहेगा.

मुहम्मद यूनुस खुद संभाल रहे हैं मोर्चा

अहमद ने यह भी बताया कि अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस व्यक्तिगत रूप से भारत के साथ रिश्तों को सामान्य बनाने के प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यूनुस मौजूदा तनाव को कम करने के लिए लगातार सक्रिय हैं. बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक अंतरिम प्रशासन किसी भी परिस्थिति में भारत के साथ संबंधों को बिगड़ने नहीं देना चाहता और पर्दे के पीछे बातचीत जारी है.

भारत विरोधी बयानों से सरकार ने झाड़ा पल्ला

हाल के दिनों में कुछ बांग्लादेशी नेताओं और समूहों की ओर से भारत विरोधी बयान सामने आए थे. इस पर सफाई देते हुए अहमद ने कहा कि ये बयान पूरी तरह राजनीतिक प्रकृति के थे और इनमें अंतरिम प्रशासन की कोई भूमिका नहीं थी. उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार राज्य स्तर पर भारत के साथ स्थिर और संतुलित संबंध बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.

व्यापार और आर्थिक सहयोग जारी रहेगा

वित्त सलाहकार ने भरोसा दिलाया कि मौजूदा राजनीतिक हालात का असर व्यापार और आर्थिक सहयोग पर नहीं पड़ेगा. उन्होंने पुष्टि की कि बांग्लादेश भारत से 50 हजार मीट्रिक टन चावल आयात करेगा. अहमद के मुताबिक आवश्यक वस्तुओं के आयात में कोई रुकावट नहीं आने दी जाएगी. सरकार आर्थिक मोर्चे पर भारत के साथ सहयोग को मजबूत करने के पक्ष में है.

क्या है तनाव की वजह और आगे की राह क्या है?

भारत-बांग्लादेश संबंध हाल ही में उस समय और बिगड़े जब कट्टरपंथी नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में भारत विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए. इसके बाद भारतीय राजनयिक मिशनों को निशाना बनाया गया और वीज़ा सेवाएं निलंबित करनी पड़ीं. वहीं नई दिल्ली में भी विरोध प्रदर्शन हुए. इन हालात के बीच ढाका की यह नरम पहल संकेत देती है कि दोनों देश रिश्तों को पटरी पर लाने की कोशिश कर सकते हैं.