'जब तक इस्लाम जीवित रहेगा, आतंकवाद जीवित रहेगा...', पहलगाम आतंकी हमले पर तस्लीमा नसरीन की चेतावनी
इस हमले के बाद बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन का बयान चर्चा का केंद्र बन गया है. अपने विचारों के कारण बांग्लादेश से निर्वासित तस्लीमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "जब तक इस्लाम रहेगा, आतंकवाद जिंदा रहेगा.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुआ आतंकी हमला न केवल मानवता पर एक क्रूर हमला है, बल्कि यह धर्म के आधार पर हिंसा का एक भयावह उदाहरण भी है. इस हमले में 28 लोगों की जान चली गई, और कई अन्य घायल हुए. हमलावरों ने पर्यटकों को निशाना बनाया, और सबसे डरावनी बात यह रही कि उन्होंने लोगों से उनका धर्म पूछकर और उनकी पहचान की जांच करके उन्हें गोली मारी. यह हमला कश्मीर घाटी में 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है.
पहलगाम का बैसरन, जिसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से जाना जाता है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है. मंगलवार की दोपहर, जब पर्यटक वहां की खूबसूरती का आनंद ले रहे थे, आतंकवादियों ने अचानक हमला बोल दिया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों ने स्थानीय पुलिस की वर्दी पहन रखी थी, जिससे पर्यटकों को शुरू में भ्रम हुआ. उन्होंने रेस्तरां के आसपास, खच्चर की सवारी कर रहे और पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि आतंकवादियों ने गोली मारने से पहले लोगों से उनका धर्म पूछा. कुछ मामलों में, उन्होंने पुरुषों की पहचान की पुष्टि करने के लिए अमानवीय तरीके अपनाए.
जब तक इस्लाम जीवित रहेगा...
इस हमले के बाद बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन का बयान चर्चा का केंद्र बन गया है. अपने विचारों के कारण बांग्लादेश से निर्वासित तस्लीमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "जब तक इस्लाम रहेगा, आतंकवाद जिंदा रहेगा." उन्होंने आगे कहा कि इस्लाम के रहते गैर-मुसलमानों, स्वतंत्र विचारकों, तर्कवादियों और महिलाओं को सुरक्षा नहीं मिलेगी.
तस्लीमा ने लिखा, जब तक इस्लाम जीवित रहेगा, फूल मुरझाते रहेंगे, बच्चे मरते रहेंगे, और लाखों मरे हुए कबूतर बारिश की तरह गिरते रहेंगे. इस्लाम की कोख से नफरत पैदा होती रहेगी, और दुनिया सभ्य नहीं बन पाएगी." उनके इस बयान की कुछ लोगों ने तारीफ की, तो कई ने इसे इस्लाम विरोधी और भड़काऊ करार दिया.
इस हमले को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने अंजाम दिया. इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और तस्वीरों ने लोगों के दिलों में दहशत पैदा कर दी. लोग घाटी से लौट रहे हैं.