World Environment Day: पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री आवास में लगाया सिंदूर का पौधा, बताया नारीशक्ति के शौर्य का प्रतीक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 'विश्व पर्यावरण दिवस' के अवसर पर नई दिल्ली में अपने आधिकारिक आवास, 7 लोक कल्याण मार्ग पर एक सिंदूर का पौधा लगाया. यह पौधा कच्छ की उन वीर महिलाओं द्वारा भेंट किया गया था, जिन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अदम्य साहस का परिचय दिया था.

World Environment Day 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 'विश्व पर्यावरण दिवस' के अवसर पर नई दिल्ली में अपने आधिकारिक आवास, 7 लोक कल्याण मार्ग पर एक सिंदूर का पौधा लगाया. यह पौधा कच्छ की उन वीर महिलाओं द्वारा भेंट किया गया था, जिन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अदम्य साहस का परिचय दिया था. इस प्रतीकात्मक कदम ने नारी शक्ति और पर्यावरण संरक्षण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया.
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में इस विशेष पल को शेयर किया. उन्होंने लिखा, "1971 के युद्ध में साहस और वीरता की अद्भुत मिसाल कायम करने वाली कच्छ की वीर माताओं और बहनों ने हाल ही में गुजरात की मेरी यात्रा के दौरान मुझे सिंदूर का पौधा भेंट किया. आज 'विश्व पर्यावरण दिवस' पर मुझे नई दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास में उस पौधे को लगाने का सौभाग्य मिला है. यह पौधा हमारे देश की नारी शक्ति के पराक्रम और प्रेरणा का एक मजबूत प्रतीक बना रहेगा.' पोस्ट के साथ दो तस्वीरें भी साझा की गईं, जो इस क्षण को जीवंत बनाती हैं.
साहस का संदेश
यह पौधा रोपण समारोह जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल में हुए आतंकी हमले के बाद और भी महत्वपूर्ण हो गया है, जहां हिंदू पुरुषों की उनकी पत्नियों के सामने नृशंस हत्या ने देश में आक्रोश पैदा किया था. इस घटना ने सिंदूर को बलिदान और प्रतिरोध का राष्ट्रीय प्रतीक बना दिया. इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर कड़े हमले किए.
पीएम मोदी का दृढ़ संदेश
बिहार में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा, "मेरी रगों में खून नहीं, बल्कि सिंदूर बहता है." उन्होंने चेतावनी दी, "भारत के दुश्मनों को अब पता है कि जब सिंदूर बारूद में बदल जाता है, तो क्या होता है."
पर्यावरण और शक्ति का संगम
समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में पीएम मोदी को मिट्टी तैयार करते, पौधा लगाते और उसे पानी देते देखा गया. यह कार्य न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय भावना को भी मजबूत करता है.



