बाबा रामदेव ने पतंजलि कंपनी को हर घर तक पहुंचा दिया. आज इस कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 55, 490 करोड़ रुपये का है. देश की कई कंपनियों को टक्कर देने वाली पतंजलि की शरुआत काफी साधारण रही थी. इस कपंनी को बनाने में कपल सुनीता और सरवन सैम पोद्दार ने अहम भूमिका निभाई. रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि की स्थापना की थी. उस समय दोनों के पास पैसे नही थे, यहां तक की कोई बैंक खाता भी नहीं था.
सुनीता और सरवन सैम पोद्दार रामदेव के फॉलोअर थे. उन्होंने रामदेव और बालकृष्ण को कंपनी शुरू करने के लिए पर्सनल लोन दिया था. सुनीता और सरवन सैम पोद्दार स्कॉटलैंड के रहने वाले हैं. उन्होंने लिटिल कुम्ब्रे द्वीप को 20 लाख पाउंड में खरीदकर 2009 में रामदेव को दे दिया. सुनीता बाबा रामदेव के योग कला से पभावित थी, उनके जीवन में योग अहम हिस्सा बन गया.
सुनीता ने रामदेव को फंड देने के लिए अपने पति को मनाया. 2011 तक उनके पास पतंजलि आयुर्वेद के काफी शेयर थे. इससे पति-पत्नी आचार्य बालकृष्ण के बाद कंपनी में दूसरे सबसे बड़े शेयरधारक बन गए थे. बाबा रामदेव के पास कभी दिव्य फार्मेसी के रजिस्ट्रेशन के लिए तक पैसा नहीं था. पतंजलि को खड़ा करने में सुनीता ने काफी मदद किया.
सुनीता का जन्म मुंबई में हुआ, लेकिन पली-बढ़ी काठमांडू में. वह ग्लासगो की सबसे धनी महिलाओं में एक हैं. वहां वे योगा की क्लास चलाती हैं. नए नए योग टिचर को ट्रेनिंग देती है. उनके पति सैम पोद्दार का जन्म बिहार में हुआ. सुनीता की शादी सैम से 18 साल की उम्र में हो गई. दोनों साथ ग्लासगो में रहने लगे. पेशे से इंजीनियर सैम का होम केयर का बिजनेस है. उनकी पत्नी सुनीता भी उनका साथ देती हैं.