कौन हैं वीके पांडियन जिन पर लग रहे हैं सीएम नवीन पटनायक को कठपुतली बनाने के आरोप?

Who is VK Pandian: ओडिशा विधानसभा चुनाव में इस बार भारतीय जनता पार्टी कड़ी टक्कर दे रही है. बीजेडी के चुनावी रणनीतिकार की भूमिका निभा रहे मुख्यमंत्री के करीबी वीके पांडियन पर बीजेपी जमकर हमलावर है.

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Who is VK Pandian: लोकसभा चुनाव और ओडिशा विधानसभा चुनाव के बीच वीके पांडियन की खूब चर्चा हो रही है. बीजेपी उन पर हमलावर है. उन पर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. आज पीएम मोदी ओडिशा के मयूरभंज की रैली में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर इशारों-इशारों में तंज कसते हुए कहा आजकल नवीन बाबू के सभी शुभचिंतक चिंतित हैं. जब भी उनके  करीबी मुझसे मिलते हैं तो वो  नवीन बाबू के स्वास्थ्य के बारे में चर्चा जरूर करते हैं. वो कहते हैं कि नवीन बाबू खुद से कुछ भी करने में सक्षम नहीं हैं.  पीएम मोदी ने आगे कहा कि क्या नवीन बाबू की बिगड़ती तबीयत के पीछे कोई साजिश तो नहीं? अगर ओडिशा में हमारी सरकार बनी तो हम उनकी जांच कराएंगे और उनके खराब स्वास्थ्य के कारण का पता लगाएंगे. पीएम मोदी का सीधा इशारा नवीन के खास कहलाने वाले पूर्व आईएएस अफसर वीके पांडियन की ओर था. भारतीय जनता पार्टी उन पर आरोप लगा रही है कि नवीन पटनायक, पांडियन की कठपुतली बन गए हैं. वीके खुद ही सत्ता के पीछे से सत्ता चला रहे हैं.

दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें नवीन पटनायक एक जनसभा को संबोधित करते थे. उनका हाथ कांप रहा था. उनके बगल वीके पांडियन माइक पकड़कर खड़े थे. जब मुख्यमंत्री नवीन भाषण दे रहे थे तो उनका पंजा कांप रहा था. जिसके बाद वीके पांडियन उनके कांपते हाथ को डाइस के पीछे छिपा देते हैं. इस वीडियो पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने निशाना साधते हुए कहा कि वीके पांडियन नवीन बाबू के हाथों के मूवमेंट को भी कंट्रोल कर रहे हैं.

इस वीडियो के आने के बाद भारतीय जनता पार्टी वीके पांडियन पर और भी हमलावर हो गई है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर पूर्व आईएएस अधिकारी और बीजू जनता दल के नेता वी कार्तिकेयन पांडियन कौन हैं.

कौन हैं IAS  वी कार्तिकेयन पांडियन?

पूर्व आईएएस अधिकारी वी कार्तिकेयन पांडियन का जन्म 29 मई 1974 को तमिलनाडु में हुआ था. उन्होंने एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन किया है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से उन्होंने एग्रीकल्चर में ही पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. वो साल 2000 में यूपीएससी क्रैक करके आईएएस बने थे. साल 2002 में बतौर सब कलेक्टर उनकी पहली पोस्टिंग कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ में हुई थी. इसके बाद साल 2005 में वो पहली बार DM बने थे.   

2007 में बनें थे नवीन पटनायक के गृह जिले के DM

नौकरी के दौरान वी कार्तिकेयन पांडियन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बहुत ही करीबी थे. वो सीएम की नजरों में बहुत अच्छे थे. 2007 में जब उन्हें गंजाम का डीएम बनाया गया तो वो पूरी तरह से से नवीन पटनायक की गुड बुक में शामिल हो गए थे. क्योंकि गंजाम जिले मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का गृह जिला था. यहीं से वो सीएम के विश्वासपात्र नौकरशाही बन गए थे.

साल 2023 में वीके पांडियन ने नौकरी से वीआरएस ले लिया था और सक्रिय रूप से सियासत में कूद पड़े थे. सर्विस में रहने के दौरान ही उनके बीजेडी में शामिल होने की बातें चल रही थी.

मुख्यमंत्री के दफ्तर में तैनाती

इससे पहले की बात करें तो साल 2011 में वीके की तैनाती मुख्यमंत्री दफ्तर में हुई. कुछ साल बाद उन्हें मुख्यमंत्री का निजी सचिव बना दिया गया था. 2019 तक वह सीएम के निजी सचिव थे. 2019 में जब बीजेडी जीती और लगातार पांचवीं बार नवीन की सरकार बनी तो उन्हें कई मुख्य-मुख्य योजनाओं का सचिव बनाया गया. इस दौरान वीके पांडियन ने सैकड़ों गांवों का दौरा किया था. इस तरह वो मुख्यमंत्री के एकदम फेवरेट बन गए थे.

बीजेडी के चुनावी रणनीतिकार

अभी वह बीजेडी के मुख्य कैंपनर और चुनावी रणनीतिकार की भूमिका में हैं. उनके चुनाव लड़ने के भी कयास थे लेकिन इस बार वो चुनावी मैदान में नहीं उतरे. वो लगातार बीजेपी की निशाने में हैं. बीजेपी इस बार ओडिशा में बीजेडी को कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है.

वीके पांडियन को नवीन पटनायक के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है. विपक्ष उन पर इसलिए हमलावर है. भारतीय जनता पार्टी उन पर आरोप लगा रही है कि उन्होंने नवीन पटनायक को अपनी कठपुतली बना लिया है.