Doctor Death: जिसकी हत्या करता था, उसे बना देता था मगरमच्छों का निवाला, कौन है 100 से ज्यादा मर्डर करने वाला सीरियल किलर डॉक्टर डेथ?
दिल्ली पुलिस ने कुख्यात सीरियल किलर ‘डॉक्टर डेथ’ उर्फ देवेंद्र शर्मा को रविवार को राजस्थान के दौसा से गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाया है. ये हत्यारा फर्जी पहचान के साथ एक आश्रम में पुजारी बनकर छिपा हुआ था.
Doctor Death: दिल्ली पुलिस ने कुख्यात सीरियल किलर ‘डॉक्टर डेथ’ उर्फ देवेंद्र शर्मा को रविवार को राजस्थान के दौसा से गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाया है. ये हत्यारा फर्जी पहचान के साथ एक आश्रम में पुजारी बनकर छिपा हुआ था. 67 साल के देवेंद्र शर्मा कभी आयुर्वेद का डॉक्टर था. शर्मा ने अपराध की दुनिया में कदम रखकर कई राज्यों में आतंक मचाया. उसे दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में सात हत्या के मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जबकि गुरुग्राम की एक अदालत ने उसे मृत्युदंड भी सुनाया था.
पुलिस का अनुमान है कि वह 50 से अधिक हत्याओं में शामिल रहा है. शर्मा की कार्यप्रणाली में टैक्सी और ट्रक चालकों को फर्जी ट्रिप के बहाने बुलाना, उनकी हत्या करना और वाहनों को ग्रे मार्केट में बेचना शामिल था. शवों को वह उत्तर प्रदेश के कासगंज में हजारा नहर के मगरमच्छों से भरे पानी में फेंक देता था, ताकि सबूत मिट जाएं. पुलिस उपायुक्त आदित्य गौतम ने कहा, “शर्मा और उसके साथी फर्जी ट्रिप के लिए ड्राइवरों को बुलाते थे, उनकी हत्या कर देते थे और उनके ट्रक को ग्रे मार्केट में बेच देते थे.
अवैध किडनी रैकेट से हत्या तक
1994 में एक असफल गैस डीलरशिप सौदे में भारी नुकसान के बाद शर्मा ने अपराध की राह चुनी. उसने 1998 से 2004 तक अवैध किडनी प्रत्यारोपण रैकेट चलाया, जिसमें उसने 125 से अधिक अवैध प्रत्यारोपण कराए. इसके बाद उसने टैक्सी चालकों की लक्षित हत्याएं शुरू कीं। 2004 में उसे किडनी रैकेट और सिलसिलेवार हत्याओं के लिए गिरफ्तार किया गया था.
पैरोल से फरारी और गिरफ्तारी
डीसीपी गौतम ने बताया, “शर्मा ने तिहाड़ जेल में अपनी सजा काटते हुए अगस्त 2023 में पैरोल की अवधि पूरी कर ली थी और तब से वह फरार था. क्राइम ब्रांच ने छह महीने तक अलीगढ़, जयपुर, दिल्ली, आगरा और प्रयागराज में तलाशी अभियान चलाया. अंत में उसे दौसा के एक आश्रम में पुजारी के वेश में ट्रैक किया गया. यह पहली बार नहीं है जब शर्मा पैरोल पर फरार हुआ था. 2020 में भी वह 20 दिन की पैरोल के बाद सात महीने तक फरार रहा था.