पश्चिम बंगाल विधानसभा आगामी बजट सत्र में एक नया बिल पेश करने जा रही है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक स्थानों पर गुटखा, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों को थूकने वालों पर भारी जुर्माना लगाना है. इस कदम से सरकार की कोशिश है कि वह इन आदतों से निजात पाकर शहरों और सार्वजनिक स्थानों को साफ और सुंदर बनाए रखे.
पुराना कानून, नया जुर्माना
हालांकि पश्चिम बंगाल में पहले से ही 2003 में 'पश्चिम बंगाल पब्लिक प्लेस पर थूकने से रोकथाम अधिनियम' लागू है, जिसमें अधिकतम जुर्माना 200 रुपये तक है. लेकिन इस बार सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है और जुर्माने की राशि को बढ़ाने की योजना बनाई है. यह कदम खासतौर पर उन लोगों को रोकने के लिए है, जो सार्वजनिक स्थानों पर लगातार गुटखा और पान मसाला थूकते हैं.
हावड़ा ब्रिज पर गुटखा के असर
कुछ अध्ययनों और पोर्ट ट्रस्ट की रिपोर्ट्स में यह सामने आया है कि हावड़ा ब्रिज पर गुटखा थूकने से ब्रिज की 70 साल पुरानी संरचना को नुकसान हो रहा है. इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने यह कदम उठाने का निर्णय लिया है, ताकि सार्वजनिक स्थानों को साफ और सुरक्षित रखा जा सके.
मुख्यमंत्री की चिंता
राज्य सरकार के एक कैबिनेट सदस्य ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सार्वजनिक स्थानों पर गुटखा और पान मसाला थूकने की बढ़ती प्रवृत्तियों को लेकर गहरी चिंता जताई थी. खासकर, उन दीवारों और सड़कों पर थूकने की आदतें जो हाल ही में पेंट की गई होती हैं और जिनका उद्देश्य राज्य के सौंदर्यीकरण में सुधार करना होता है. मुख्यमंत्री ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया और इस बिल को लाने का निर्णय लिया, जिसमें ऐसे अपराधों के लिए कड़ी वित्तीय दंड की व्यवस्था होगी.
विरोध और आलोचना
हालांकि, भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने इस कदम पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि "हम सभी चाहते हैं कि कोलकाता साफ-सुथरा हो, लेकिन सरकार के अधिकांश प्रयास केवल दिखावे के होते हैं. जैसे उन्होंने 'हॉकर ड्राइव' की शुरुआत की थी, वह भी अधूरी छोड़ दी थी."
बंगाल में आगामी चुनाव और बजट
यह बजट ममता बनर्जी का आखिरी बजट होगा, जो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पेश किया जाएगा. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार इस बजट में कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अलोकेशंस और प्रशासनिक फैसले ले सकती है.