'48 लोकसभा सीटों पर मामूली अंतर से हारे', राहुल गांधी ने AICC बैठक में किस मॉड्यूल का किया जिक्र

पार्टी के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस इन 48 लोकसभा सीटों के विश्लेषण और रणनीति को सात से आठ चरणों में विस्तार से साझा करेगी. इन सीटों पर हार के कारणों, स्थानीय मुद्दों, और मतदाता व्यवहार का गहन अध्ययन किया जाएगा ताकि भविष्य में इन क्षेत्रों में जीत सुनिश्चित की जा सके.

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Gyanendra Sharma

Rahul Gandhi: कांग्रेस कमेटी (AICC) की एक महत्वपूर्ण बैठक मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हिस्सा लिया और आगामी रणनीतियों पर चर्चा की. बैठक का मुख्य आकर्षण राहुल गांधी का वह बयान रहा, जिसमें उन्होंने बताया कि हाल के लोकसभा चुनाव में 48 ऐसी सीटें थीं, जहां कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी से बहुत कम अंतर से हारी. इन सीटों पर पार्टी ने बेंगलुरु मध्य लोकसभा सीट के लिए अपनाए गए मॉड्यूल को लागू किया था और अब इन सीटों पर विशेष ध्यान देने की योजना बनाई जा रही है.

पार्टी के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस इन 48 लोकसभा सीटों के विश्लेषण और रणनीति को सात से आठ चरणों में विस्तार से साझा करेगी. इन सीटों पर हार के कारणों, स्थानीय मुद्दों, और मतदाता व्यवहार का गहन अध्ययन किया जाएगा ताकि भविष्य में इन क्षेत्रों में जीत सुनिश्चित की जा सके. राहुल गांधी ने बैठक में जोर देकर कहा कि इन सीटों पर मामूली अंतर से मिली हार को अवसर में बदला जा सकता है, बशर्ते सही रणनीति और कार्यकर्ताओं का समर्पण हो.

बेंगलुरु मध्य लोकसभा सीट के मॉड्यूल की चर्चा

बेंगलुरु मध्य लोकसभा सीट के मॉड्यूल की चर्चा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इस मॉड्यूल में स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर मतदाताओं तक सीधे पहुंचने, उनके मुद्दों को समझने और संगठित प्रचार की रणनीति शामिल थी. इस मॉड्यूल की सफलता को देखते हुए पार्टी अब इसे अन्य सीटों पर भी लागू करने की योजना बना रही है. इसके तहत मतदाता जागरूकता अभियान, बूथ-स्तरीय संगठन को मजबूत करना, और स्थानीय नेतृत्व को प्रोत्साहित करना शामिल है.

कांग्रेस की राजनीति

कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि इन 48 सीटों पर थोड़े से प्रयास और बेहतर समन्वय से अगले चुनाव में नतीजे बदले जा सकते हैं. पार्टी सूत्रों ने बताया कि इन सीटों पर विशेष कार्ययोजना तैयार की जाएगी, जिसमें युवा और महिला मतदाताओं को जोड़ने पर विशेष जोर दिया जाएगा. साथ ही, सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए प्रचार को और प्रभावी बनाने की रणनीति पर भी काम होगा.