'जो हुआ सो हुआ, अब सुधार की बारी,' उपचुनावों से पहले समझिए BJP की तैयारी
यूपी में विपक्ष की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने सब ठीक नहीं है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, मुखर होकर बीजेपी की चुटकी ले रहे हैं. उन्होंने कहा है तंज कसते हुए कहा है कि इंजन ही नहीं अब तो डिब्बे भी आपस में टकरा रहे हैं.
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में सब ठीक नजर नहीं आ रहा है. उन्हें लग रहा है कि बीजेपी टूट की कगार पर है और कमजोर हो रही है. बुधवार को उन्होंने कहा, 'दिन-पर-दिन कमजोर होती भाजपा में टकराव और भटकाव का दौर शुरू हो गया है. भाजपा खेमों में बंट गई है. भाजपा में एक-दूसरे को कमतर दिखाने के लिए कठपुतली का खेल खेला जा रहा है. सबकी डोरी अलग-अलग हाथों में है. भाजपा में पर्दे के पीछे की लड़ाई सरेआम हो गई है. इंजन ही नहीं अब तो डिब्बे भी आपस में टकरा रहे हैं.' क्या सच में ऐसा है, क्या ऐसी हवा बह रही है? बीजेपी के जिस नेता के रुख को सुनकर, अखिलेश यादव ने ये बयान दिया, उसी का जवाब बता रहा है कि बीजेपी अनुशासित पार्टी है और अब राज्य में सब ठीक है.
केशव प्रसाद मौर्य ने ये क्या कहा कि संगठन सरकार से बड़ा है, बड़ा था, बड़ा रहेगा, विरोधी दलों को मौका मिल गया कि सरकार और संगठन में तकरार है. खबरें चलाई गईं कि योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के बीच अदावत शुरू हो गई है. केशव प्रसाद मौर्य को बागी नेता बताया जाने लगा. उनका अचानक भागकर दिल्ली पहुंचना, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलना, विपक्षी दलों को दांव दे गया. अखिलेश यादव ने बीजेपी को कमजोर सरकार बता दिया. केशव प्रसाद के जवाब ने काफी कुछ साफ कर दिया. उन्होंने अखिलेश यादव पर तगड़ा कटाक्ष किया.
केशव प्रसाद मौर्य ने तंज कसते हुए कहा, 'सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव जी, भाजपा की देश और प्रदेश दोनों जगह मजबूत संगठन और सरकार है. सपा का PDA धोखा है. यूपी में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है. भाजपा 2027 विधानसभा चुनाव में 2017 दोहराएगी.' उन्होंने ये नहीं बताया कि 2027 का नेतृत्व कौन करेगा. सीएम योगी से ही उनके अनबन की खबरें चल रही हैं. सत्ता परिवर्तन को लेकर खबरें चलीं लेकिन यह साफ हो गया कि योगी ही मुख्यमंत्री रहेंगे. सीएम योगी के मंत्रिमंडल में बदलाव हो सकता है लेकिन मुख्यमंत्री के चहरे पर बीजेपी को कुछ सोचना ही नहीं है.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि केंद्रीय नेतृत्व जल्द ही यूपी में अहम बैठक कर सकता है. इसमें यूपी के शीर्ष नेतृत्व से फीडबैक लिया जाएगा और केंद्रीय प्रतिनिधियों के साथ बैठक होगी. योगी आदित्यनाथ भी केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर सकते हैं.