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India Daily

'दुनिया में कुछ लोग समझौते को करते हैं मजबूर', PM मोदी की लाल किले से किसानों की तारीफ के बाद ट्रंप पर बरसे शिवराज

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "...प्रधानमंत्री ने आज कहा है कि किसानों का कल्याण और राष्ट्र का कल्याण सर्वोपरि है. दुनिया में कुछ लोग हैं जो आज हमारी प्रगति से ईर्ष्या करते हैं और हमें समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करते हैं... हम दुनिया को एक परिवार मानते हैं.

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Edited By: Mayank Tiwari
Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan
Courtesy: X@ChouhanShivraj

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान एक कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार (15 अगस्त) को पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफों पर कसीदे पड़े. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों और राष्ट्र के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समझौतों के दबाव पर भारत की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि कोई भी समझौता किसानों के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा.

न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जोर देकर कहा कि भारत विश्व को एक परिवार मानता है, लेकिन समझौते समान शर्तों पर होने चाहिए. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने आज कहा कि किसानों का कल्याण और राष्ट्र का कल्याण सर्वोपरि है.

दुनिया में कुछ लोग हमारी प्रगति से जलते हैं- शिवराज सिंह चौहान

उन्होंने आगे कहा कि दुनिया में कुछ लोग हमारी प्रगति से जलते हैं और हमें समझौते के लिए मजबूर करते हैं... हम विश्व को एक परिवार मानते हैं. लेकिन समझौते समान शर्तों पर होने चाहिए... हमने यूके के साथ एक समझौता किया है... लेकिन अगर कोई कहता है कि समझौता केवल एक पक्ष के हित में हो... अगर ऐसा समझौता हुआ होता, तो हमारे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता.  

किसानों के हितों की रक्षा

कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री की सराहना करता हूं, जिन्होंने कहा कि हमारे किसानों को प्रभावित करने वाला कोई समझौता नहीं होगा. साथ ही चौहान ने स्पष्ट किया कि भारत ने यूके के साथ समझौता किया है, लेकिन यह सुनिश्चित किया गया कि यह किसानों के लिए हानिकारक न हो.

उन्होंने कहा कि वैश्विक दबाव के बावजूद, भारत अपनी नीतियों में किसानों को प्राथमिकता देता रहेगा. यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कुछ देश भारत पर अपने हितों के अनुकूल समझौतों के लिए दबाव डाल रहे हैं.