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भारत का एकमात्र एयरपोर्ट जिसके रनवे पर मौजूद है मस्जिद, जिसको लेकर हो रहा विवाद

कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रनवे के पास स्थित 130 साल पुरानी बैंकड़ा मस्जिद बड़ा सुरक्षा मुद्दा बन गई है. इसकी वजह से सेकेंडरी रनवे की क्षमता और सुरक्षा प्रभावित हो रही है.

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Sagar Bhardwaj

देश के प्रमुख एयरपोर्ट्स में शामिल कोलकाता का NSCBI एयरपोर्ट इन दिनों एक अनोखी वजह से चर्चा में है. यहां रनवे के बिल्कुल पास मौजूद बैंकड़ा मस्जिद न केवल इंजीनियरिंग चुनौती बन गई है, बल्कि उड़ानों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर रही है. मस्जिद की स्थिति ऐसी जगह है जिससे सेकेंडरी रनवे का पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा. हाल ही में एयर सुरक्षा को लेकर बढ़ी निगरानी के बीच यह मुद्दा फिर गहराया है और अधिकारियों के सामने समाधान ढूंढ़ने की चुनौती खड़ी हो गई है.

130 साल पुरानी मस्जिद की अनोखी स्थिति

बैंकड़ा मस्जिद का इतिहास एयरपोर्ट से कहीं पुराना है. करीब 1890 में बनी यह मस्जिद तब किसी विवाद का हिस्सा नहीं थी, लेकिन 20वीं सदी में जब एयरफील्ड का निर्माण और बाद में विस्तार हुआ, तो यह ढांचा एयरपोर्ट परिसर की सीमा में आ गया. समय के साथ यह मस्जिद रनवे के सुरक्षा क्षेत्र में पहुंच गई, जिससे उड़ान परिचालन पर खतरा पैदा होने लगा.

सेकेंडरी रनवे की क्षमता पर असर

कोलकाता एयरपोर्ट दो समानांतर रनवे चलाता है. मुख्य रनवे अधिकतर उड़ानों को संभालता है, जबकि सेकेंडरी रनवे बैकअप की भूमिका निभाता है. मस्जिद की उपस्थिति के कारण सेकेंडरी रनवे के उत्तरी छोर को लगभग 88 मीटर पीछे करना पड़ा, जिससे इसकी उपयोगी लंबाई कम हुई. अधिकारी मानते हैं कि यह कमी आपातकालीन स्थितियों और कम दृश्यता में जोखिम बढ़ाती है.

AAI के सुरक्षा मानकों में कमी

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अनुसार, हर रनवे के अंत में कम से कम 240 मीटर खाली क्षेत्र होना चाहिए, ताकि विमान सुरक्षित रूप से धीमा हो सके या ओवरशूट की स्थिति को संभाला जा सके लेकिन मस्जिद की वजह से यह दूरी घटकर लगभग 160 मीटर रह जाती है. इस तकनीकी कमी ने बड़े विमानों के सुरक्षित संचालन पर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर धुंधभरी सर्दियों में.

बढ़ते यात्रियों के बीच बड़ा अवरोध

NSCBI एयरपोर्ट तेजी से बढ़ते ट्रैफिक को संभाल रहा है. देश-विदेश की उड़ानों के बढ़ते दबाव के बीच सेकेंडरी रनवे की सीमित क्षमता भविष्य की विस्तार योजनाओं को प्रभावित कर सकती है. विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि जब तक सुरक्षा बाधा दूर नहीं की जाती, एयरपोर्ट की क्षमता बढ़ाना मुश्किल होगा.

धरोहर बनाम सुरक्षा की चुनौती

बैंकड़ा मस्जिद का मामला धरोहर, आस्था और आधुनिक एविएशन जरूरतों के बीच टकराव का उदाहरण है. धार्मिक भावना का सम्मान आवश्यक है, लेकिन सुरक्षा जोखिम को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. पूर्वी भारत के प्रमुख प्रवेश द्वार के रूप में कोलकाता एयरपोर्ट की सुचारु कार्यक्षमता बेहद महत्वपूर्ण है, और लंबे समय में इस मुद्दे पर ठोस समाधान ही सुरक्षित भविष्य तय करेगा.