नई दिल्ली: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज है. शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के गठबंधन पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह गठबंधन स्थानीय निकाय चुनावों को प्रभावित नहीं करेगा.
फडणवीस के अनुसार, ठाकरे चचेरे भाइयों का साथ आना विचारधारा नहीं बल्कि अस्तित्व की लड़ाई का नतीजा है. उन्होंने दावा किया कि महायुति को मराठी मानुष का समर्थन मिलेगा.
देवेंद्र फडणवीस ने ठाकरे भाइयों के गठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि इसे ऐसे पेश किया जा रहा है मानो रूस और यूक्रेन एक हो गए हों. उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को जरूरत से ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने साफ किया कि महाराष्ट्र के नगर निगम चुनावों पर इस गठबंधन का कोई असर नहीं पड़ेगा और जनता वास्तविकता समझती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ठाकरे भाई अपनी राजनीतिक पहचान बचाने के लिए साथ आए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों पार्टियों ने तुष्टीकरण की राजनीति की, जिससे उनका जनाधार कमजोर हुआ. फडणवीस के मुताबिक, जनता अब उन पर भरोसा नहीं करती. उन्होंने दोहराया कि यह गठबंधन विचारधारा का नहीं, बल्कि राजनीतिक हताशा का परिणाम है.
फडणवीस ने मुंबई को लेकर भरोसा जताते हुए कहा कि लोगों ने महायुति सरकार के विकास कार्यों को देखा है. उन्होंने दावा किया कि मुंबई महायुति के साथ है और आगे भी रहेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बीएमसी चुनावों में महायुति की जीत तय है और ठाकरे भाइयों का साथ आना चुनावी गणित नहीं बदल पाएगा.
इससे पहले उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने मुंबई में संयुक्त ब्रीफिंग कर गठबंधन की घोषणा की. उद्धव ठाकरे ने कहा कि दोनों पार्टियां साथ रहने के लिए एकजुट हुई हैं. वहीं राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र लंबे समय से इस दिन का इंतजार कर रहा था और अब शिवसेना और एमएनएस एक साथ हैं. दोनों नेताओं ने मराठी मानुष और महाराष्ट्र के हित को गठबंधन का आधार बताया.
मुंबई, नासिक सहित राज्य के 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी को होने हैं. इनमें बृहन्मुंबई नगर निगम का चुनाव सबसे अहम माना जा रहा है. अविभाजित शिवसेना ने करीब तीन दशकों तक बीएमसी पर शासन किया था. ऐसे में यह चुनाव न केवल स्थानीय सत्ता बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति की दिशा तय करने वाला माना जा रहा है.