16 साल का साथ एक पल में खत्म, दुबई तेजस क्रैश में पायलट स्याल की मौत से बिखरी पत्नी; कांगड़ा में छाया मातम
दुबई एयर शो प्रैक्टिस के दौरान तेजस फाइटर जेट क्रैश में विंग कमांडर नमांश स्याल की मौत हो गई. उनका पार्थिव शरीर कोयंबटूर लाया गया है. उनकी पत्नी अफसाना भी वायु सेना में अफसर हैं.
नई दिल्ली: दुबई एयर शो की प्रैक्टिस के दौरान हुए तेजस फाइटर जेट हादसे ने पूरे देश को गम में डूबा दिया है. इंडियन एयर फोर्स के बहादुर पायलट विंग कमांडर नमांश स्याल की इस दुर्घटना में मौत हो गई. शुक्रवार को हुए हादसे के बाद रविवार को उनका पार्थिव शरीर तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित सुलूर एयर बेस लाया गया.
मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के रहने वाले नमांश को शौर्य, अनुशासन और बेहतरीन सेवा रिकॉर्ड के लिए जाना जाता था. उनकी अचानक हुई शहादत से देश ही नहीं, बल्कि उनका परिवार भी गहरे सदमे में है. नमांश स्याल की पत्नी अफसाना भी भारतीय वायु सेना में अफसर हैं. दोनों ने करीब 16 साल पहले लव मैरिज की थी और साथ में देश की सेवा का प्रण लिया था.
कैसी है अभी पत्नी की स्थिति?
पति-पत्नी दोनों ने अपने जीवन में कई सपने थे, जिन्हें वे साथ मिलकर पूरा करना चाहते थे लेकिन यह साथ एक पल में उस समय खत्म हो गया, जब तेजस फाइटर जेट अचानक क्रैश हो गया. पत्नी अफसाना अपने पति की शहादत पर गर्व तो महसूस कर रही हैं, लेकिन उनके जाने का गहरा दर्द उन्हें भीतर से तोड़ चुका है.
पूरे इलाके में कैसी है स्थिति?
उनकी सात वर्षीय बेटी को अभी यह भी समझ नहीं है कि अब उसके पिता वापस नहीं आएंगे और उसे कभी गोद में नहीं उठा पाएंगे. नमांश स्याल का परिवार इस दुख से उबर नहीं पा रहा है. कांगड़ा में जब लोगों को उनकी मौत की खबर मिली, तो पूरे इलाके में शोक की लहर फैल गई. बड़ी संख्या में लोग उनके घर पहुंचकर परिवार को ढांढस बंधाते दिखे.
कैसा था उनका फैमली बैकग्राउंड?
नगरोटा बगवां के रहने वाले विंग कमांडर स्याल हमेशा अपने अनुशासन और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पहचाने जाते थे. उन्होंने अपनी पढ़ाई सैनिक स्कूल सुजानपुर टीरा से की थी. उनके पिता जगन नाथ पहले सेना में ऑफिसर रहे और बाद में हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में प्रिंसिपल बने.
कब होगा अंतिम संस्कार?
दुबई से कोयंबटूर लाया गया पार्थिव शरीर औपचारिक प्रक्रिया के बाद वायु सेना द्वारा सम्मान के साथ प्राप्त किया गया. अभी विंग कमांडर नमांश के अंतिम संस्कार की तारीख और स्थान की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. वायु सेना और उनके गांव के लोग उनकी शहादत को देश का बड़ा नुकसान मान रहे हैं. हर कोई उनकी बहादुरी और समर्पण को याद कर रहा है.
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