प्रतिज्ञा...मराठी नहीं सीखूंगा, क्या करना है बोल?', भाषा पर बवाल जारी, अब दिग्‍गज इन्‍वेस्‍टर सुशील केडिया भड़के

सुशील केडिया ने एक्स हैंडल पर लिखा ध्यान रखें 'मैं मुंबई में 30 साल रहने के बाद भी मराठी ठीक से नहीं जानता और आपके घोर दुर्व्यवहार के कारण मैंने यह संकल्प लिया है.

Reepu Kumari

Maharashtra Language Dispute: महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर जारी बहस अब सिर्फ राजनीतिक या सांस्कृतिक मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि इसका दायरा अब निवेशकों और कॉरपोरेट वर्ल्ड तक पहुंच गया है. मराठी भाषा को अनिवार्य बनाने की मांग और इसके विरोध में उठती आवाजों के बीच अब केडियोनॉमिक्स के संस्थापक और चर्चित निवेशक सुशील केडिया भी इस विवाद में कूद पड़े हैं. सोशल मीडिया पर एक तीखा बयान जारी करते हुए केडिया ने स्पष्ट कर दिया है कि वह मराठी नहीं सीखेंगे.

उन्होंने MNS नेताओं और खासकर ठाकरे गुट पर निशाना साधते हुए लिखा कि 30 साल मुंबई में बिताने के बावजूद उन्होंने जानबूझकर मराठी नहीं सीखी और अब वे यह प्रतिज्ञा लेते हैं कि जब तक मराठी भाषा को जबरन थोपा जाएगा, वह इसे सीखने से इंकार करते रहेंगे. केडिया का ये बयान उस वायरल वीडियो के बाद आया, जिसमें मीरा रोड में एक दुकानदार पर कथित रूप से मराठी में बात न करने पर हमला किया गया था.

एक्स पर सुशील केडिया का तीखा पोस्ट

सुशील केडिया ने एक्स हैंडल पर लिखा ध्यान रखें 'मैं मुंबई में 30 साल रहने के बाद भी मराठी ठीक से नहीं जानता और आपके घोर दुर्व्यवहार के कारण मैंने यह संकल्प लिया है कि जब तक आप जैसे लोगों को मराठी मानुष की देखभाल करने का दिखावा करने की अनुमति नहीं दी जाती, मैं प्रतिज्ञा लेता हूँ कि मैं मराठी नहीं सीखूँगा। क्या करना है बोल?'

 

कुछ ही सेकंड में दो लोगों ने उसे थप्पड़ मारना शुरू कर दिया  उनमें से एक ने उसे कई बार मारा, जिसमें उसके हाथ के पिछले हिस्से से भी मारा, जबकि दुकानदार जवाब देने में असमर्थ था. एक अन्य व्यक्ति को गाली देते हुए और दुकानदार को चेतावनी देते हुए सुना जा सकता है कि उसे इस क्षेत्र में व्यवसाय करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. कश्मीरी पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत सात एमएनएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें अशांति फैलाने का आरोप भी शामिल है. मामले की जांच चल रही है.

मनसे के मीरा-भायंदर जिला अध्यक्ष संतोष राणे ने इस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा, अगर कोई मराठी भाषा का अपमान करता है तो मनसे इसी तरह जवाब देगी. महाराष्ट्र में केवल मराठी बोलने की अनुमति है और आपको मराठी संस्कृति का पालन करना होगा, भले ही आप गुजराती या मारवाड़ी हों.

राज ठाकरे की अगुआई वाली मनसे तीन-भाषा फॉर्मूले का विरोध करने में सबसे आगे रही है. पार्टी ने शनिवार को मुंबई में इस नीति के खिलाफ़ एक बड़े विरोध प्रदर्शन की योजना भी बनाई थी, जिसके तहत महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी, अंग्रेज़ी और मराठी पढ़ाना अनिवार्य है. भारी विरोध के बाद मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने घोषणा की कि राज्य ने नीति पर पहले के दो प्रस्तावों को वापस ले लिया है तथा मामले का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए एक नई समिति गठित की जाएगी.