Supreme Court Trees: 'पेड़ों की हत्या, इंसान की हत्या से भी बड़ा गुनाह', सुप्रीम कोर्ट ने दिया कड़ा संदेश

Supreme Court Trees: सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसमें पेड़ों की कटाई को मानव हत्या से भी अधिक गंभीर माना गया है और अवैध कटाई पर भारी जुर्माना लगाया गया है.

Social Media
Ritu Sharma

Supreme Court Trees: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने एक अहम फैसले में कहा कि बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई किसी इंसान की हत्या से भी ज्यादा गंभीर अपराध है. अदालत ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों पर कोई नरमी न बरतने की बात कही और अवैध रूप से काटे गए हर पेड़ पर 1 लाख रुपये का जुर्माना तय किया.

454 पेड़ों की अवैध कटाई, कोर्ट ने जुर्माने में छूट से किया इनकार

बता दें कि जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने स्पष्ट किया कि बिना अनुमति के पेड़ काटने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी. कोर्ट ने 454 संरक्षित पेड़ों की अवैध कटाई करने वाले व्यक्ति की याचिका को खारिज कर दिया और उसके जुर्माने को कम करने से इनकार कर दिया.

पेड़ों को पुनर्जीवित करने में लगेंगे 100 साल

कोर्ट ने कहा, ''पर्यावरण मामलों में कोई दया नहीं. 454 पेड़ों से बने हरित क्षेत्र को पुनर्जीवित करने में कम से कम 100 साल लगेंगे.'' अदालत ने केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) की रिपोर्ट को स्वीकार किया, जिसमें जुर्माने की सिफारिश की गई थी.

वन विभाग करेगा कानूनी कार्रवाई

इसके अलावा, सीईसी की रिपोर्ट में बताया गया कि ये 454 पेड़ 18 सितंबर की रात वृंदावन चटीकरा रोड स्थित डालमिया फार्म में काटे गए थे. इनमें से 32 पेड़ संरक्षित वन क्षेत्र में थे. कोर्ट ने यूपी वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976 और भारतीय वन अधिनियम, 1972 के तहत दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए.