'अन्याय को सहने से बेहतर...', अमेरिकी वित्त मंत्री के भारत को अड़ियल बताने पर शशि थरूर ने दिया मुंहतोड़ जवाब
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ विवाद के बीच कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अमेरिकी अधिकारी के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने भारत पर अड़ियल होने का आरोप लगाया था. थरूर ने कहा कि अड़ियल होना, अन्याय को स्वीकार करने से ज्यादा सही है.
Shashi Tharoor: भारत और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ विवाद के बीच कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री शशि थरूर ने अमेरिकी अधिकारी के बयानों पर प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका द्वारा भारत को व्यापार वार्ता के क्षेत्र में अड़ियल बताया गया. जिसका जवाब देते हुए थरूर ने इसे एक अच्छी आदत बताई .
शशि थरूर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि मैंने सुना है कि कुछ लोग भारत पर 'अड़ियल' होने का आरोप लगा रहे हैं. मुझे इस आरोप से कोई परेशानी नहीं है, हालांकि मेरा मानना है कि अड़ियल होना, विनम्र होने या अन्याय को स्वीकार करने से कहीं बेहतर है.
स्कॉट बेसेंट के बयान पर थरूर का पलटवार
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने पिछले सप्ताह में भारत को अड़ियल बताया था. उनके कहने का अर्थ है कि भारत व्यापार के मामले में असहयोगी रवैया अपनाता है. अमेरिका की ओर से यह बयान भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लागू होने के कुछ ही दिनों बाद आई थी. हालांकि अमेरिकी सूत्रों ने कहा कि अगर 15 अगस्त को होने वाली रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ट्रंप की बातचीत अच्छी नहीं रही, तो द्वितीयक टैरिफ बढ़ा सकता है. शशि थरूर ने कुछ दिनों पहले भारत के ख़िलाफ ट्रंप के दोहरे टैरिफ वाले कदम पर प्रतिक्रिया दी थी और सुझाव दिया था कि नई दिल्ली को भी अमेरिका पर टैरिफ बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर देना चाहिए. अमेरिकी वस्तुओं पर भारत का औसत टैरिफ़ वर्तमान में 17 प्रतिशत है.
भारत-अमेरिका के बीच बढ़ता विवाद
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की ओर से पूर्व वैश्विक राजनयिक शशि थरूर को एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए भेजा गया था. जहां उन्होंने भारत की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए इस ऑपरेशन की सफलता के बारे में दुनिया को बताया. हालांकि उसी वक्त से भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते थोड़ी बिगड़ गई. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम का श्रेय खुद को दिया था और दोनों देशों से पहले इस बात की जानकारी शेयर की थी. हालांकि बाद में भारत की ओर से ट्रंप के इन दावों को मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद अमेरिका की ओर से भारत पर दबाव बनाया गया कि वे रूस से तेल ना खरीदें, हालांकि अपने देश की जरूरत को देखते हुए भारत सरकार ने ट्रंप के इस दबाव को नहीं माना. जिसके बाद ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क का ऐलान कर दिया.
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