'एक देश, एक संविधान का संकल्प पूरा... सरदार साहब को ये बड़ी श्रद्धांजलि', राष्ट्रीय एकता दिवस पर बोले पीएम मोदी

Rashtriya Ekta Diwas: पीएम मोदी ने कहा कि विकास और विश्वास की एकता ही एक भारत-श्रेष्ठ भारत के निर्माण को गति देती है. हमारी हर योजना में, हमारी हर नीति में और हमारी नीयत में एकता हमारी प्राण शक्ति है. इसे देखकर सरदार साहब की आत्मा जहां भी होगी, हमें अवश्य ही आशीर्वाद देती ​होगी.

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Om Pratap

Rashtriya Ekta Diwas: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के केवड़िया में सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि आज पूरे देश को खुशी है कि आजादी के सात दशक बाद देश में एक देश और एक संविधान का संकल्प भी पूरा हुआ है. सरदार साहब को मेरी ये सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है. उन्होंने कहा कि 70 साल तक बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान पूरे देश में लागू नहीं हुआ था. संविधान की माला जपने वालों ने संविधान का ऐसा घोर अपमान किया था. कारण था, जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद-370 की दीवार. 

पीएम मोदी ने कहा कि अनुच्छेद-370 को हमेशा-हमेशा के लिए जमीन में गाड़ दिया गया है. पहली बार वहां इस विधानसभा चुनाव में बिना भेदभाव के मतदान किया गया. पहली बार वहां के मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान की शपथ ली है. ये दृश्य भारत के संविधान निर्माताओं को अत्यंत संतोष देता होगा, उनकी आत्माओं को शांति मिलती होगी और ये संविधान निर्माताओं को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि है.

पीएम मोदी बोले- राष्ट्रीय एकता पर देशवासियों को बधाई

पीएम मोदी ने कहा कि मैं 'राष्ट्रीय एकता दिवस' पर सभी देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं. इस बार का राष्ट्रीय एकता दिवस अद्भुत संयोग लेकर आया है. एक तरफ आज हम एकता का उत्सव मना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दीपावली का पावन पर्व है. दीपावली दीपों के माध्यम से पूरे देश को जोड़ती है, पूरे देश को प्रकाशमय कर देती है. अब तो दीपावली का पर्व भारत को दुनिया से भी जोड़ रहा है. अनेक देशों में इसे राष्ट्रीय उत्सव की तरह मनाया जा रहा है. 

उन्होंने कहा कि मैं देश और दुनिया में बसे सभी भारतीयों को दीपावली की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं. आज से सरदार पटेल का 150वां जन्मजयंती वर्ष शुरू हो रहा है. आने वाले 2 वर्षों तक देश, सरदार पटेल की 150वीं जन्मजयंती का उत्सव मनाएगा. ये भारत के प्रति उनके असाधारण योगदान के प्रति देश की कार्यांजलि है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत को आजादी मिली थी, तब दुनिया में कुछ लोग थे जो भारत के बिखरने का आकलन कर रहे थे. उन्हें जरा भी उम्मीद नहीं थी कि सैकड़ों रियासतों को जोड़ कर एक भारत का निर्माण हो पाएगा, लेकिन सरदार साहब ने ये करके दिखाया. ये इसलिए संभव हुआ क्योंकि सरदार साहब व्यवहार में यथार्थवादी, संकल्प में सत्यवादी, कार्य में मानवतावादी और ध्येय में राष्ट्रवादी थे.

पीएम बोले- पिछला 10 साल भारत की एकता और अखंडता के लिए उपलब्धियों से भरा

पीएम मोदी ने कहा कि बीते 10 वर्ष का कालखंड भारत की एकता और अखंडता के लिए अभूतपूर्व उपलब्धियों से भरा रहा है. आज सरकार के हर काम, हर मिशन में राष्ट्रीय एकता की प्रतिबद्धता दिखती है. एक सच्चे भारतीय होने के नाते, हम सभी का कर्तव्य है कि हम देश की एकता के हर प्रयास को सेलिब्रेट करें. उत्सव, उमंग से भर दें. ऊर्जा, आत्मविश्वास, हर पल नए संकल्प, नई उम्मीद, नई उमंग... यही तो सेलिब्रेशन है.

पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि विविधता के बीच एकता में रहने की हमारी क्षमता का लगातार परीक्षण किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि हमें हर परिस्थिति में इस परीक्षा में उत्तीर्ण होना चाहिए. मुझे खुशी है कि पिछले एक दशक में भारत ने हर प्रयास में विविधता के बीच एकता को सफलतापूर्वक पोषित किया है और यह हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.

पीएम मोदी बोले- ऐसा भारत... जो शक्ति और शांति दोनों का महत्व जानता है

पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारे सामने एक ऐसा भारत है, जिसके पास दृष्टि भी है, दिशा भी है और दृढ़ता भी है. उन्होंने कहा कि ऐसा भारत... 
जो सशक्त भी है और समावेशी भी है. 
जो संवेदनशील भी है और सतर्क भी है. 
जो विनम्र भी है और विकसित होने की राह पर भी है. 
जो शक्ति और शांति दोनों का महत्व जानता है.

उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के 'आकाओं' को अब पता चल गया है कि भारत को नुकसान पहुंचाने से कोई फ़ायदा नहीं मिलने वाला, क्योंकि भारत उन्हें नहीं छोड़ेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर ने कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन हमने संवाद, विश्वास और विकास के ज़रिए अलगाववाद की आग को बुझाया है. बोडो और ब्रू-रियांग समझौतों ने शांति और स्थिरता स्थापित की है.

त्रिपुरा के नेशनल लिबरेशन फ्रंट के समझौते ने लंबे समय से चली आ रही अशांति को समाप्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि भारत शांति, विकास और समृद्धि के साथ आगे बढ़ रहा है. भारत के बड़ते सामर्थ्य से, भारत में बढ़ते एकता के भाव से भारत के भीतर और भारत के बाहर भी कुछ ताकतें, कुछ विकृति विचार, कुछ विकृति मानसिकता परेशान हैं. 

ऐसे लोग भारत में अस्थिरता, अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. ये ताकतें भारत के आर्थिक हितों को चोट पहुंचाने में जुटी हैं. ये ताकतें चाहती हैं कि दुनियाभर के निवेशकों में गलत संदेश जाए, भारत की नकारात्मक छवि बने.