पाकिस्तान का काल बनेंगी तीनों सेनाएं! वॉर की आहट के बीच राजनाथ सिंह की रक्षा प्रमुखों के साथ हाई लेवल मीटिंग
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से किया गया ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तनाव के माहौल में सेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुखों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की. जिसमें कई बड़े मुद्दे पर बात की गई.
Rajnath Singh Meeting with Defence Chiefs: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी हद तक बढ़ गया है. दोनों देशों की सेना अपने देश की सुरक्षा में अपनी पूरी ताकत लगा रही है. इसी बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार सुबह साउथ ब्लॉक में सेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुखों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक में सैन्य प्रमुखों ने रक्षा मंत्री को नवीनतम सुरक्षा घटनाक्रमों और भविष्य की रणनीतियों के बारे में जानकारी दी. यह बैठक भारत की सैन्य तैयारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी.
राजनाथ सिंह ने इससे पहले गुरुवार को सर्वदलीय बैठक में विपक्षी नेताओं को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत की गई सैन्य कार्रवाइयों की जानकारी दी थी. उन्होंने इसे हाल के वर्षों में सबसे बड़े आतंकवाद विरोधी अभियानों में से एक बताया. इस अभियान के तहत, सीमा पार आतंकी ठिकानों और उनके बुनियादी ढांचे पर सटीक हमले किए गए, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. सिंह ने स्पष्ट किया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' अभी भी जारी है और भारतीय सेना किसी भी उकसावे का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है.
दुश्मनों को राजनाथ सिंह की चेतावनी
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से किया गया ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया है. हालांकि रक्षा मंत्री भारत की ओर से कोई भी चूक का कोई मौका छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने यह साफ कह दिया है कि हमारा उद्देश्य तनाव बढ़ाना नहीं है, लेकिन अगर शत्रु ने दोबारा हमला किया, तो हम जवाबी कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे. यह बयान उन अपुष्ट खबरों के बीच आया है, जिनमें कहा गया कि पाकिस्तान अपनी सैन्य प्रतिक्रिया की योजना बना रहा है. सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित कई विपक्षी नेता शामिल हुए.
दुश्मनों के सामने भारतीय राजनेता हुए एक
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बैठक को भारतीय राजनीति में एकता का असाधारण पल बताया. उन्होंने कहा कि विभिन्न दलों के नेताओं ने सशस्त्र बलों की बहादुरी की सराहना की और सरकार के आतंकवाद विरोधी प्रयासों को पूर्ण समर्थन दिया. रिजिजू ने जोर देकर कहा कि सभी दलों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को राजनीति से ऊपर रखते हुए एकजुटता दिखाई. नेताओं ने विदेशी धरती पर आतंकवाद को खत्म करने के सरकार के कदमों की प्रशंसा की.
और पढ़ें
- पाकिस्तान से युद्ध की आहट के बीच पेट्रोल, डीजल और LPG का कितना बचा है स्टॉक? इंडियन ऑयल ने क्यों की लोगों से अपील
- भारत के इन डिफेंस सिस्टमों ने पाकिस्तान का तोड़ा घमंड! जानें S-400, शिल्का और L-70 ने कैसे पाक आर्मी के चक्रव्यूह को किया ध्वस्त
- Trains From Jammu: जम्मू-उधमपुर से दिल्ली के लिए भारतीय रेलवे चलाएगा तीन स्पेशल ट्रेनें, पाकिस्तान के नापाक इरादे को देखते हुए लिया फैसला