'ट्रंप ने कहा हैलो नरेंद्र, सरेंडर', पाकिस्तान संग युद्धविराम पर राहुल गांधी का तंज, RSS पर भी साधा निशाना
राहुल गांधी ने कहा बीजेपी और आरएसएस वालों को आजादी के समय से ही आत्मसमर्पण पत्र लिखने की आदत है. पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष विराम को लेकर उन्होंने कहा कि मोदी जी को ट्रंप का फोन आया कि 'नरेंद्र, सरेंडर' और मोदी जी राजी हो गए.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी मंगलवार को मध्य प्रदेश पहुंचे, जहां उन्होंने पार्टी के जमीनी स्तर पर मजबूती और कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने के उद्देश्य से शुरू हो रहे अभियान का नेतृत्व किया. 2028 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राहुल गांधी का यह दौरा अहम बेहद अहम माना जा रहा है. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने पाकिस्तान से हुए सीजफायर को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा.
बीजेपी-RSS को आत्मसमर्पण करने की आदत
राहुल गांधी ने कहा बीजेपी और आरएसएस वालों को आजादी के समय से ही आत्मसमर्पण पत्र लिखने की आदत है. पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष विराम को लेकर उन्होंने कहा कि मोदी जी को ट्रंप का फोन आया कि 'नरेंद्र, सरेंडर' और मोदी जी राजी हो गए. उन्होंने कहा कि मैं आरएसएस-बीजेपी को अच्छी तरह से समझता हूं, अगर उन पर थोड़ा दबाव डाला जाता है तो वे डर कर भाग जाते हैं.
इंदिरा गांधी से की तुलना
राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा, 'आपको वो समय तो याद ही होगा जब फोन नहीं आया था बल्कि सातवां बेड़ा आया था लेकिन इंदिरा जी ने कहा था कि मुझे जो करना है मैं करूंगी, यही फर्क है. इन्हें आजादी के समय से ही सरेंडर करने की आदत है. जरा सा दबाव बना तो ये सरेंडर कर देते हैं. कांग्रेस सरेंडर नहीं करती. गांधी जी, नेहरू जी, सरदार पटेल, ये सरेंडर नहीं बल्कि सरेंडर वाले नहीं बल्कि सुपरपावर से लड़ने वाले लोग हैं.'
पहली लड़ाई संविधान की है
राहुल गांधी ने केंद्र पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि हमारी पहली लड़ाई संविधान की है. उन्होंने कहा कि आज देश में विचारधारा की लड़ाई चल रही है, एक तरफ कांग्रेस पार्टी और संविधान है और दूसरी तरफ बीजेपी और आरएसएस हैं जो संविधान को खत्म करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि देश की सभी संवैधानिक संस्थाएं बीजेपी और आरएसएस के नियंत्रण में जा चुकी हैं. नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि वे (आरएसएस-बीजेपी) सभी संस्थाओं में अपने लोगों को बैठा दिए जो धीरे-धीरे देश का गला घोंट रहे हैं.