नई दिल्ली : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब दोनों के बीच जारी जुबानी जंग राष्ट्रपति शासन तक आ गयी है. पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने सीएम भगवंत मान को चिट्ठी लिखकर चेतावनी दी है कि वे उनकी ओर से लिखित चिट्ठी का जवाब दें नहीं तो वो राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं.
राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित की ओर से CM भगवंत मान को लिखी गयी चिट्ठी में लिखा गया है कि "मैं राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता के बारे में अनुच्छेद 356 के तहत भारत के राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट भेजूं और आईपीसी की धारा 124 के तहत आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के बारे में निर्णय लूं. मैं आपसे अपने द्वारा लिखित पत्रों के तहत अपेक्षित जानकारी मांगता हूं.राज्य में मादक पदार्थों की समस्या से निपटने के लिए आपके द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी मुहैया कराने को कहूंगा, ऐसा न करने पर मेरे पास कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. राज्यपाल की ओर से मांगी गई जानकारी न देना स्पष्ट रूप से संवैधानिक कर्तव्य का अपमान है"
"...Not furnishing the information which was sought by the Governor would be plainly in dereliction of the constitutional duty which is imposed on the CM....failing which I would have no choice but to take action according to law & the Constitution..." Governor of Punjab,… pic.twitter.com/9vEzKdOLp1
— ANI (@ANI) August 25, 2023
राज्यपाल नवारीलाल पुरोहित ने अपने पत्र में आगे लिखा कि आपने मेरे पत्रों का जवाब देना तो दूर आपने मेरे प्रति बरती गई भाषा में भी मर्यादा का ख्याल नहीं रखा. जिससे साफ जाहिर होता कि यह मेरे और मेरे दफ्तर के खिलाफ आपका व्यक्तिगत पूर्वाग्रह है.
पिछले दिनों पंजाब विधानसभा सत्र के दौरान पारित हुए चार विधेयक में से एक राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल पुरोहित ने कहा था कि यह विधेयक राज्यपाल की शक्तियों को छीनने वाला था. पुरोहित ने इसे पूरी तरह से अवैध करार देते हुए संविधान की धारा 167 का उल्लंघन बताया था.
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