One Nation One Election: देश में कब से एक साथ होंगे लोकसभा-विधानसभा चुनाव, जानिए वन नेशन-वन इलेक्शन की रिपोर्ट की खास बातें
One Nation One Election: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में देश में एक साथ चुनाव को लेकर कई सिफारिशें की गई है.
One Nation One Election: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. पूर्व राष्ट्रपति के नेतृत्व वाली समिति ने इस रिपोर्ट में कई सिफारिशें की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कब से देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा के चुनाव कराए जा सकते हैं. तो जानते हैं वन नेशन वन इलेक्शन की रिपोर्ट में क्या खास बातें हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस लोकसभा चुनाव के बाद जब संसद की बैठक होगी, तक इस कदम को अधिसूचित करने के लिए एक तारीख तय की जा सकती है. इस तारीख के बाद राज्य चुनाव की ओर से गठित सभी राज्य विधानसभाएं केवल 2029 में अगले आम चुनावों तक के लिए होंगी.
ऐसे समझें चुनाव का गणित
उन्होंने कहा है कि 2024 और 2028 के बीच गठित राज्य सरकारों का कार्यकाल 2029 के लोकसभा चुनावों तक ही होगा. इसके बाद खुद ब खुद एक साथ लोकसभा और राज्य के विधानसभा चुनाव होंगे. उदाहरण के लिए जिस राज्य में 2025 में चुनाव होंगे, उसकी सरकार का कार्यकाल चार साल का होगा, जबकि जिस राज्य में 2027 में चुनाव होगा, उसकी सरकार का कार्यकाल 2029 तक यानी सिर्फ दो साल का होगा.
रिपोर्ट में ये भी सिफारिश की गई है कि त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव या ऐसी किसी अन्य स्थिति में नए सदन के गठन के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं, चाहे वह लोकसभा में हो या राज्य की विधानसभाओं में. इस प्रकार बनी हुई नई सरकार का कार्यकाल भी लोकसभा कार्यकाल के बचे समय जितना ही होगा.
सिंगल विंडो सिस्टम से होगा पूरा काम
रिपोर्ट में एकल मतदाता सूची (सिंगल वोटर विंडो) और एकल मतदाता फोटो पहचान पत्र बनाने के लिए मौजूदा कानूनों में संशोधन की सिफारिश की गई है. समिति ने सिफारिशों को लागू करने के लिए एक समिति के गठन की भी बात कही है. सिफारिश की गई है कि दूसरे चरण में नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव भी लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव के 100 दिनों के भीतर होंगे.
कौन रहा पक्ष में, किसने किया विरोध
कहा गया है कि इस रिपोर्ट पर राजनीति होना तय है, क्योंकि समिति को जवाब भेजने वाले 47 दलों में से कई ने देश में एक साथ चुनाव के प्रस्ताव का विरोध किया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कांग्रेस, डीएमके, आम आदमी पार्टी, बीएसपी, सीपीआई (एम), सीपीआई, तृणमूल कांग्रेस, एआईएमआईएम और समाजवादी पार्टी जैसी पार्टियां इस प्रस्ताव के खिलाफ हैं. सूत्रों ने बताया है कि 47 राजनीतिक दलों ने प्रतिक्रिया दी, जिनमें से 32 सहमत थे और 15 इसके खिलाफ हैं.
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