'प्रणब दा' के निधन पर शोकसभा तक नहीं, मनमोहन सिंह के लिए 'स्मारक' मुखर्जी की बेटी ने कांग्रेस को जमकर सुनाया

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए कांग्रेस की तरफ से स्मारक की मांग करने पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी ने बड़ा सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि उनके पिता के निधन पर कांग्रेस ने शोकसभा तक नहीं किया.

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Kamal Kumar Mishra

Pranab Mukherjee: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के उस प्रस्ताव पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के लिए अलग स्मारक बनाने की मांग की थी. डॉ. सिंह का 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के एम्स में निधन हो गया था. शर्मिष्ठा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कांग्रेस की शोक संदेश से जुड़ी अपनी नाराजगी व्यक्त की और आरोप लगाया कि जब उनके पिता का 2020 में निधन हुआ था, तब कांग्रेस ने उनकी श्रद्धांजलि के लिए शोक सभा तक नहीं बुलाई थी. 

शर्मिष्ठा ने बताया कि कांग्रेस नेताओं ने उन्हें यह बहाना दिया था कि भारतीय राष्ट्रपतियों के लिए शोक सभा का आयोजन नहीं होता. इस तर्क को उन्होंने 'बकवास' करार देते हुए दावा किया कि उनके पिता की डायरी से यह स्पष्ट हुआ कि पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन के निधन पर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई थी और शोक संदेश भी प्रणब मुखर्जी ने स्वयं लिखा था. इसके अलावा, उन्होंने सी.आर. केसवन की पोस्ट का हवाला दिया, जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि कांग्रेस ने हमेशा गांधी परिवार से बाहर के नेताओं की अनदेखी की.

इन जगहों पर किया गया है उल्लेख

शर्मिष्ठा ने यह भी याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के निधन के बाद भी कांग्रेस ने उनके लिए कोई स्मारक नहीं बनवाया, जबकि वे पार्टी के एक महत्वपूर्ण नेता थे. डॉ. संजय बारू की किताब 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' में भी इसका जिक्र किया गया है कि कांग्रेस ने राव के निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में न करके हैदराबाद में किया था और उनके लिए कोई स्मारक नहीं बनवाया.

स्मारक की मांग होने पर खड़ा हुआ सवाल

यह विवाद तब शुरू हुआ जब मल्लिकार्जुन खरगे ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके लिए एक अलग स्मारक बनाने की मांग की. शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाए और कहा कि पार्टी ने उनके पिता की याद में शोक सभा आयोजित करने तक की कोशिश नहीं की थी.