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देश में घट गए हिंसा के मामले? पूर्वी राज्यों में भी पहले से शांति! जानें क्या कहते हैं NCRB के आंकड़े

NCRB Report: NCRB ने अपना नया आंकड़ा जारी कर दिया है. जिसके मुताबिक 2022 की तुलना में साल 2023 में अपराध के मामलों में गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि जान गंवाने वाले सैनिकों की संख्या में बढ़ोतरी एक चिंता का विषय है.

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Shanu Sharma

NCRB Report: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी NCRB ने चरमपंथी हिंसा और आतंकवादी हमलों को लेकर अपना नया आंकड़ा जारी किया है. NCRB के आंकड़ों ने देश की जनता को राहत दी है. इस रिपोर्ट में दो सालों के अपराध मामलों में तुलना किया गया है, जिसके मुताबिक साल 2022 की तुलना में साल 2023 में भारी गिरावट आई है. 

NCRB के आंकड़ों के मुताबिक 2022 के मुकाबले 2023 में चरमपंथ, विद्रोह और आतंकवादी हिंसा के मामलों में काफी कमी आई है. इन मामलों से आम नागरिकों की मौत की भी संख्या कम हुई है. हालांकि इस रिपोर्ट के मुताबिक जान गंवाने वाले सैन्य कर्मियों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 

क्या कहता है रिकॉर्ड?

ब्यूरो की रिकॉर्ड बताती है कि चरमपंथ और आतंकवादी हिंसा जैसे मामले साल 2022 में 446 दर्ज हुए थे, वहीं साल 2023 में यह घटकर 163 पर पहुंच चुका है. 2022 में आतंकवादी घटनाओं से जुड़े 126 मामले थे वहीं 2023 में ऐसे केवल 15 मामले ही दर्ज हुए हैं. वहीं पूर्वोत्तर में विद्रोह के मामलों में भी कमी आई है. इस तरह के मामले 2022 में 26 थे, जिसकी संख्या 2023 में 10 पर पहुंच गई है. रिपोर्ट की मानें तो पूर्वी राज्यों में विद्रोह के मामले में 61 प्रतिशत की कमी आई है, वहीं जिहादी आतंकवादी मामों में 87 प्रतिशत की कमी देखी गई. इसके अलावा चरमपंथ हिंसा में 44 प्रतिशत की कमी आई ह. इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में चरमपंथियों की तरफ से हथियार लूटे जाने के आंकड़ों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 

पूर्वी राज्यों में बढ़ी शांति 

पूर्वी राज्य मणिपुर में 2023 में सबसे अधिक हिंसक अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं. इसके पीछे मेइती और कुकी समुदाय के बीच जातीय संघर्ष कारण रहा. इस साल मणिपुर में अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध मामले दर्ज किए गए हैं. मणिपुर के बाद असम में भी सबसे ज्यादा इस तरह के मामले देखे गए हैं. हालांकि जम्मू-कश्मीर में इस तरह के मामले काफी घट गए हैं. 2021 से 2013 के बीच दो हजार से भी ज्यादा मामलों की गिरावट आई है. कुल मिलाकर अपराध के मामलों में काफी कमी देखी गई है. जिससे देश के हालात में और भी ज्यादा सुधार की उम्मीद है.