'नस्लवाद से निपटने के लिए राष्ट्रीय कानून की जरूरत', देहरादून में त्रिपुरा के एजेंल चकमा की हत्या के बाद केजरीवाल की बड़ी मांग
'आप' के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने छात्र की मौत को बेहद चौंकाने वाला और हृदयविदारक बताया है.
नई दिल्ली: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में नस्लीय भेदभाव की एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है. त्रिपुरा के 24 वर्षीय एमबीए छात्र एंजेल चकमा की 26 दिसंबर 2025 को अस्पताल में मौत हो गई. भाजपा शासित उत्तराखंड के देहरादून में नस्लभेद के चलते हुए जानलेवा हमले में गंभीर रूप से घायल त्रिपुरा के छात्र की दुखद मौत पर आम आदमी पार्टी ने गहरी चिंता जताई है.
"आप" के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने छात्र की मौत को बेहद चौंकाने वाला और हृदयविदारक बताया है. उन्होंने कहा कि त्रिपुरा निवासी एमबीए छात्र की देहरादून में सिर्फ उसकी पहचान के कारण चाकू मारकर हत्या कर दी गई. एमबीए छात्र की हत्या न सिर्फ एक अपराध है, बल्कि पूरी व्यवस्था पर एक कलंक है. ऐसे घृणित अपराधों के खिलाफ देश को एक राष्ट्रीय कानून की जरूरत है.
यह केवल एक अपराध नहीं है, बल्कि पूरी व्यवस्था पर एक कलंक-केजरीवाल
सोमवार को एक्स पर देहरादून में नस्लभेद के चलते त्रिपुरा के छात्र की हत्या की खबर को साझा करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह खबर बेहद चौंकाने वाली और हृदयविदारक है. त्रिपुरा के एक युवा एमबीए छात्र की देहरादून में सिर्फ उसकी पहचान के कारण चाकू मारकर हत्या कर दी गई. यह केवल एक अपराध नहीं है, बल्कि पूरी व्यवस्था पर एक कलंक है. अरविंद केजरीवाल ने मांग की कि देश को नस्लवाद और घृणित अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और एक राष्ट्रीय कानून की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में न्याय त्वरित और मिसाल कायम करने वाला होना चाहिए.
त्रिपुरा के छात्र अंजेल चकमा की हत्या
आम आदमी पार्टी का कहना है कि भाजपा शासित उत्तराखंड के देहरादून में त्रिपुरा के छात्र अंजेल चकमा की हत्या कर दी गई. इस छात्र की हत्या इसलिए हुई, क्योंकि उसने नस्लीय टिप्पणी का विरोध किया और हमलावरों को नस्लीय टिप्पणी करने से मना किया. जिसके बाद हमलावरों ने अंजेल चकमा को सरेआम सड़क पर पीटा और उसे बुरी तरह से घायल कर दिया. कई दिनों तक जिंदगी और मौत से जंग लड़ने के बाद उसकी मौत हो गई.