Assembly Elections 2023: कांग्रेस और सपा के बीच बयानबाजी का दिखेगा असर, बिखर जाएगा INDI गठबंधन?
Congress Vs Samajwadi Party: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सपा को झटका दे दिया. अब विपक्षी गठबंधन पर इसका क्या असर पड़ेगा ये देखना भीन अहम होगा.
Congress Vs Samajwadi Party: कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच रिश्तों में दरार देखने को मिल रही है. बढ़े टकराव की वजह से अब सियासी समीकरण भी बदलते हुए नजर आ सकते हैं. कांग्रेस (Congress) ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सपा को भाव नहीं दिया जिसके बाद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) भड़के हुए नजर आ रहे हैं. इस बीच कांग्रेस आलाकमान की तरफ से मामले को तूल ना देने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन बड़ी बात ये है कि क्या दोनों दलों के बीच शुरू हुई जुबानी जंग थम जाएगी. सवाल ये भी है कि मध्य प्रदेश में जो हुआ उसका असर INDI गठबंधुन पर नहीं पड़ेगा?
कांग्रेस-सपा के बीच सियासी 'वॉर'
मध्य प्रदेश में सपा और कांग्रेस के बीच जो भी सियासी घटनाक्रम हुआ है उसने देश की सियासत को गर्म कर दिया है. सपा मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ 6 सीटों पर गठबंधन करना चाहती थी लेकिन कांग्रेस ने इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया. गठबंधन नहीं हुआ तो दोनों दलों में बयानबाजी भी शुरू हो गई. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तो 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के बर्ताव पर पलटवार करने तक की बात कह दी. दोनों दलों के बीच शुरू हुई सियासी जंग की आंच गठबंधन के लिए कितना खतरा है...चलिए समझते हैं.
ऐसे शुरू हुआ विवाद
दरअसल, विवाद की शुरुआत तब हुई जब सपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर बात नहीं बनी या इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में सपा को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया. मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सपा को 6 सीटें देने के बारे में बातचीत INDI गठबंधन के मंच से शुरू हुई थी. लेकिन जब कांग्रेस ने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की तो सपा का पत्ता साफ था. इसका सीधा मतलब था कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में सपा के साथ गठबंधन को तैयार नहीं हुई. राज्य स्तर पर गठबंधन का फेल होना ही विवाद की असली वजह बनी.
गठबंधन नहीं होने के बाद क्या हुआ?
गठबंधन पर बात नहीं बनी तो 19 अक्टूबर को पहली बार अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई. उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस ने सपा को मध्य प्रदेश में धोखा दिया है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 6 सीटें छोड़ने का आश्वासन दिया था लेकिन एक भी सीट नहीं छोड़ी. मजबूरी में सपा अपने मजबूत प्रत्याशियों को इन सीट पर उतारेगी. उन्होंने कहा कि पहले ही स्पष्ट कर देना चाहिए था कि तालमेल केवल लोकसभा चुनाव के लिए है ना कि विधानसभा चुनाव के लिए. सपा प्रमुख ने ये भी कहा कि समय आने पर हम भी वही व्यवहार करेंगे जो हमारे साथ मध्य प्रदेश में किया गया.
अजय राय ने दिया बयान
19 अक्टूबर की शाम यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने अखिलेश के आरोपों पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस यूपी में 80 सीटों पर तैयारी कर रही है. उन्होंने यहां तक कहा कि घोसी में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को समर्थन दिया. अगर पार्टी घोसी से लड़ती तो हो सकता है कि सपा ये सीट हार जाती.
अखिलेश का पलटवार
बयानबाजी का जो सिलसिला शुरू हुआ तो फिर वो रुका नहीं. अखिलेश यादव ने अजय राय के बयान पर प्रतिक्रिया दी और व्यक्तिगत हमला कर दिया. सपा प्रमुख ने कहा कि वो INDI गठबंधन की किसी मीटिंग में नहीं थे. वहां गठबंधन को लेकर क्या बातें हो रही हैं उन्हें नहीं मालूम. कांग्रेस को ऐसे चिरकुट नेताओं को इस मसले पर बयान देने से रोकना चाहिए.
अजय राय ने फिर किया हमला
इसके बाद अखिलेश के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अजय राय ने कहा कि उन्होंने कभी भी सपा के किसी भी नेता के लिए असंसदीय भाषा का प्रयोग नहीं किया. लेकिन, जो लोग (अखिलेश यादव) अपने पिता का सम्मान नहीं कर पाए, उनसे बेहतर भाषा की क्या उम्मीद की जाए? जबकि हमारी संस्कृति में पिता और गुरु को भगवान के समान माना गया है.
कमलनाथ की हुई एंट्री
सपा और कांग्रेस के बीच छिड़ी सियासी जंग में फिर एंट्री हुई मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की. कमलनाथ ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश विधानसभा चुनाव का माहौल बहुत अच्छा है, हम उम्मीद से भी बेहतर संख्या से जीतेंगे. अखिलेश यादव की नाराजगी के सवाल पर कमलनाथ बोले, 'अरे छोड़ो अखिलेश-वखिलेश को'.
रामगोपाल यादव ने किया पलटवार
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ समेत कांग्रेस नेताओं के बयानों पर सपा सांसद रामगोपाल यादव ने भी पलटवार किया. उन्होंने कहा, 'हमें इनपर कुछ नहीं कहना है, ये छुटभइये नेता हैं'।
INDI गठबंधन पर पड़ेगा असर?
सपा और कांग्रेस के बीच छिड़ी सियासी महाभारत में सवाल ये है कि क्या इसका असर INDI गठबंधन की एकता पर पड़ेगा. तो जवाब ये है कि इस तल्खी का असर आज नहीं तो कल विपक्षी गठबंधन पर जरूर नजर आएगा. वैसे अगर नजर डाली जाए तो जो दल गर्मजोशी के साथ एक साथ नजर आ रहे थे उनमें आपसी विश्वास का आभाव नजर आ रहा है. आने वाले दिनों में गठबंधन की पूरी रूपरेखा और सहमति को जमीनी स्तर पर दिखाना किसी के लिए भी आसान नहीं होने वाला है.
यूपी में क्या?
फिलहाल यहां ये भी बता दें कि मध्य प्रदेश जो हुआ उसका असर उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिलेगा. क्या कांग्रेस यूपी की अमेठी और रायबरेली सीटों पर 2024 में कोई करिश्मा दिखा पाएगी वो भी तब जब उसे सपा का साथ ना मिले. 2019 में अमेठी कांग्रेस के हाथ से निकल चुकी है. 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर रायबरेली में बीजेपी सक्रिय नजर आ रही है. अब ऐसे में सपा क्या फैसला लेगी ये देखने वाली बात होगी.
यह भी पढ़ें: Assembly Elections 2023: जीत के लिए BJP इस फॉर्मूले पर कर रही है काम, विकास के कार्यों पर भी है ध्यान
पढ़ें देश से जुड़ी अन्य बड़ी खबरें