MP Assembly Eleciton 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी हैं. तमाम सियासी दल पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में ताल ठोकते हुए नजर आ रहे है. कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ बीजेपी में भी सीएम पद को लेकर अभी कोई तस्वीर साफ नहीं है. सूबे की सियासत में दिलचस्पी रखने वालों अक्सर यह जानना चाहते है कि अगर आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सरकार बनती है तो क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री बनेंगे या शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर बीजेपी भरोसा जताएगी.
बीजेपी में सीएम पद पर दावेदारी को लेकर तमाम तरह की चर्चाओं के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया का बड़ा बयान सामने आया है. एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए सिंधिया ने बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि "मैं कभी सीएम बनने की रेस में नहीं रहा. मैं पहले भी मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते था और ना ही अब बनना चाहते हैं. मैं सीएम पद की रेस में न कल था और न आज हूं. विकास और प्रगति का उम्मीदवार जरूर हूं. मैंने नाइंसाफी के खिलाफ हमेशा संघर्ष किया है. मैं कूटनीति नहीं करता. साथ ही, मेरे मन में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के प्रति कोई द्वेषभाव नहीं है."
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अप्रत्यक्ष तौर पर राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि "कांग्रेस के नेता 2018 के चुनाव में बोलते थे कि उनकी सरकार आयी तो दस दिन में किसानों का कर्जा माफ कर देंगे. मगर उनके नेता की कथनी और करनी सुनिए. 10 दिन गुजर गए, 30 दिन गुजर गए और 15 महीने भी गुजर गए, लेकिन आप बताइए किसी का कर्जा माफ हुआ क्या?'
पूर्व सीएम कमलनाथ पर जुबानी हमला बोलते हुए सिंधिया ने कहा कि "15 महीने की कमलनाथ सरकार ने वल्लभ भवन को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाकर मध्यप्रदेश को दोबारा बीमारू राज्य किया. प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार ने आज मध्यप्रदेश को देश के विकसित राज्यों में पहली कतार में पंहुचा दिया हैं"
यह भी पढ़ें: BJP District President: UP में BJP ने जारी की नए जिलाध्यक्षों की सूची, जानिए किस जिले में किसको मिली कमान