Terrorism In Kashmir: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना ने शुरू किया 'ऑपरेशन केलर', जानें कैसे आतंकियों को चटा रही धूल?

Terrorism In Kashmir: ऑपरेशन केलर, जो जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले के केलर वन क्षेत्र में भारतीय सेना द्वारा चलाया गया एक आतंकवाद विरोधी अभियान है, लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों की मौजूदगी की सटीक जानकारी मिलने के बाद शुरू किया गया.

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Ritu Sharma

Terrorism In Kashmir: भारतीय सेना ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर करारा प्रहार किया है. शोपियां जिले के घने केलर जंगलों में मंगलवार, 13 मई को हुई एक मुठभेड़ में सेना ने लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को ढेर कर दिया. यह ऑपरेशन 'ऑपरेशन केलर' के नाम से शुरू किया गया था, जिसे सेना ने गुप्त खुफिया जानकारी के आधार पर अंजाम दिया.

विशेष जानकारी के आधार पर की गई कार्रवाई

बता दें कि ऑपरेशन केलर की शुरुआत तब हुई जब सुरक्षा एजेंसियों को शोपियां के शोकल-केलर इलाके में भारी हथियारों से लैस आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिली. इसके बाद राष्ट्रीय राइफल्स की यूनिट्स ने घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया. इस दौरान आतंकियों की ओर से भारी गोलीबारी हुई, जिसके जवाब में सेना ने भी मोर्चा संभाला और लंबी मुठभेड़ के बाद तीनों आतंकियों को मार गिराया.

शिनाख्त और आतंकी संगठन से जुड़ाव

वहीं, मारे गए आतंकियों में एक की पहचान अनंतनाग निवासी हुसैन थोकर के रूप में हुई है. जबकि बाकी दो पाकिस्तानी आतंकवादी थे, जिनके नाम अली भाई उर्फ तल्हा भाई और हासिम मूसा उर्फ सुलेमान बताए जा रहे हैं. तीनों आतंकी पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा संगठन से जुड़े थे और घाटी में कई आतंकी गतिविधियों में संलिप्त थे.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद बड़ा एक्शन

ऑपरेशन केलर, भारतीय सेना द्वारा 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद किया गया बड़ा कदम है. इस सफलता ने घाटी में भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों को और मजबूती दी है.

बताते चले कि लश्कर-ए-तैयबा की स्थापना 1980 के दशक के अंत में मरकज़-उद-दावा-वल-इरशाद की आतंकी शाखा के रूप में हुई थी. यह संगठन दक्षिण एशिया में सबसे सक्रिय और खतरनाक आतंकी संगठनों में से एक माना जाता है. भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों ने इसे आतंकवादी संगठन घोषित किया है.

भारत की कड़ी रणनीति और पाकिस्तान की भूमिका

बहरहाल, जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अपने ऑपरेशंस को आधुनिक तकनीकों और सटीक खुफिया जानकारी के साथ अंजाम देना शुरू किया है. पाकिस्तान, अपने प्रॉक्सी वॉर मॉडल के तहत आतंकी संगठनों को पनाह देता है, जो एलओसी पार से घुसपैठ और हमलों को अंजाम देते हैं.