Katchatheevu Island: कच्चातिवु आइलैंड को श्रीलंका को सौंपे जाने वाले पीएम मोदी के आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस का कहना है कि कांग्रेस का दावा है कि पीएम कच्चातिवू मुद्दे को चुनाव पूर्व रणनीति के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं. पार्टी के नेताओं ने पीएम मोदी के आरोपों के जवाब में बांग्लादेश के साथ 2015 के भूमि सीमा समझौते का मुद्दा उठाया.
लोकसभा चुनाव में कुछ ही हफ्ते बचे हैं. इससे पहले, भारत और श्रीलंका के बीच कच्चातिवु द्वीप राजनीतिक मुद्दा बन गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 1974 में श्रीलंका को सौंपे गए कच्चातिवू द्वीप को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला. जवाब में कांग्रेस ने दावा किया कि चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी इस मुद्दे को उठा रहे हैं जो उनकी हताशा को दर्शाता है.
पीएम मोदी ने कहा कि कच्चाथीवू द्वीप को सौंपने के कांग्रेस के फैसले ने देश की अखंडता और हितों को कमजोर किया है. पीएम मोदी की प्रतिक्रिया सूचना के अधिकार (RTI) रिपोर्ट के बाद आई, जिसमें खुलासा हुआ कि कैसे इंदिरा गांधी की कांग्रेस सरकार ने 1974 में कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया था. द्वीप को लेकर तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई की ओर से RTI के तहत जानकारी मांगी गई थी.
Eye opening and startling!
— Narendra Modi (@narendramodi) March 31, 2024
New facts reveal how Congress callously gave away #Katchatheevu.
This has angered every Indian and reaffirmed in people’s minds- we can’t ever trust Congress!
Weakening India’s unity, integrity and interests has been Congress’ way of working for…
RTI रिपोर्ट को 'आंखें खोलने वाली और चौंकाने वाली' बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस कदम से लोग नाराज हैं और कांग्रेस पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता. तमिलनाडु भाजपा चीफ के अन्नामलाई ने कांग्रेस और एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रमुक पर कच्चाथीवू को श्रीलंका को सौंपने के लिए मिलीभगत का आरोप लगाया. अन्नामलाई ने कहा कि जब भी कांग्रेस सत्ता में रही, उसे हमारे देश की सीमा, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को सुरक्षित रखने में सबसे कम दिलचस्पी थी.
BJP के हमलों के जवाब में कांग्रेस ने 2015 से बांग्लादेश के साथ भूमि सीमा समझौते के साथ-साथ गलवान घाटी का मुद्दा भी उठाया. कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि आगामी चुनाव को देखते हुए भाजपा ने ये मुद्दा उठाया है. खड़गे ने कहा कि अपने 10वें साल के कुशासन में आप अचानक क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों के प्रति जाग गए हैं. शायद, चुनाव ही इसका कारण है. आपकी हताशा स्पष्ट है.
खड़गे ने कहा कि तमिलनाडु में चुनाव की पूर्व संध्या पर, आप इस संवेदनशील मुद्दे को उठा रहे हैं, लेकिन आपकी ही सरकार के अटॉर्नी जनरल, श्री मुकुल रोहतगी ने 2014 में सुप्रीम कोर्ट को निम्नलिखित बातें बताईं.
कच्चाथिवु 1974 में एक समझौते के तहत श्रीलंका गया था. आज इसे वापस कैसे लिया जा सकता है? यदि आप कच्चातिवू को वापस चाहते हैं, तो आपको इसे वापस पाने के लिए युद्ध में जाना होगा. प्रधानमंत्री जी, आपको बताना चाहिए कि क्या आपकी सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने और कच्चातिवु को वापस लेने के लिए कोई कदम उठाया?
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, हमारे सभी प्रिय नेता भारत की एकता, हमारी क्षेत्रीय अखंडता के लिए जीये और मरे. सरदार पटेल ने 600 रियासतों को एक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके विपरीत, आपने (पीएम मोदी) गलवान घाटी में 20 बहादुरों के सर्वोच्च बलिदान के बाद चीन को क्लीन चिट दे दी.
Pradhan Mantri @narendramodi ji,
— Mallikarjun Kharge (@kharge) March 31, 2024
You have suddenly woken up to the issues of territorial integrity and national security in your 10th year of misrule. Perhaps, elections are the trigger. Your desperation is palpable.
1. "The Land Boundary Agreement between India and Bangladesh…
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि एनडीए सरकार के तहत हस्ताक्षरित 2015 समझौते के कारण भारत का भूमि क्षेत्र 10,051 एकड़ कम हो गया. उन्होंने कहा कि 17,161 एकड़ भारतीय क्षेत्र सौंप दिया गया जबकि केवल 7,110 एकड़ ही प्राप्त हुआ. जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री पर बचकाना आरोप लगाने के बजाय, कांग्रेस पार्टी ने संसद के दोनों सदनों में विधेयक का समर्थन किया.
जयराम रमेश ने ये भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी की ओर से कच्चाथीवु के मुद्दे को उजागर करना भाजपा की चुनाव पूर्व रणनीति थी. जयराम रमेश ने कहा कि तमिलनाडु में बिल्कुल शून्य सीटें मिलने का सामना करते हुए, पीएम और उनके ढोल बजाने वाले हताश हो गए हैं.
जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि अन्नामलाई ने तमिलनाडु में ध्यान भटकाने वाला मुद्दा पैदा करने के लिए आरटीआई आवेदन दायर किया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि जिस मुद्दे को उठाया गया है, उनके अलावा भी कई अन्य जरूरी सार्वजनिक मुद्दे हैं, जिसे लेकर RTI दाखिल की जाती है, लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है. भाजपा की ओर से दायर RTI को VVIP ट्रीटमेंट मिलता है और इसका तेजी से जवाब दिया जाता है.
जयराम रमेश ने कहा कि जिस साल कच्चातिवू को श्रीलंका को सौंप दिया गया था, सिरिमा भंडारनायके-इंदिरा गांधी समझौते ने श्रीलंका से 6 लाख तमिल लोगों को भारत वापस लाने की अनुमति दी थी. कांग्रेस नेता ने कहा कि एक ही कदम में, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अब तक राज्यविहीन छह लाख लोगों के लिए मानवाधिकार और सम्मान सुरक्षित किया.
उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में भारत-चीन झड़पों को लेकर भी पीएम मोदी पर हमला किया और कहा कि देश की अखंडता के लिए वास्तविक खतरा पिछले कुछ वर्षों में भारतीय क्षेत्र पर चीनी पीएलए का बड़े पैमाने पर अतिक्रमण है.
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री पर 2020 के गलवान संघर्ष के बाद चीन को क्लीन चिट देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कहा था कि एक भी चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में नहीं आया है, जबकि भाजपा के अपने सांसदों ने हमारी भूमि पर चीनी घुसपैठ की पुष्टि की है.