Schools Reopening In Kashmir: सुबह जल्दी स्कूल, दोपहर में ऑनलाइन क्लास! माता-पिता बोले- 'बच्चों की नींद और भूख की कौन लेगा गारंटी?'
Schools Reopening In Kashmir: कश्मीर में स्कूल फिर से खुल गए हैं, लेकिन छात्रों और अभिभावकों को सुबह की कक्षाएं और हाइब्रिड शिक्षा प्रणाली को लेकर चिंता है. सरकार ने गर्मी के कारण यह निर्णय लिया है, लेकिन लोगों को लगता है कि यह व्यावहारिक नहीं है.
Schools Reopening In Kashmir: कश्मीर में 15 दिन की गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल फिर से खोल दिए गए हैं, लेकिन समय-सारणी को लेकर अभिभावकों और शिक्षकों में नाराजगी साफ देखी जा रही है. सरकार ने मौसम विभाग की भविष्यवाणी के आधार पर छुट्टियां न बढ़ाने का फैसला किया और आदेश दिया कि शहरी क्षेत्रों में स्कूल सुबह 7:30 बजे और ग्रामीण इलाकों में 8 बजे से शुरू होंगे. छात्रों के माता-पिता ने सरकार के इस निर्णय पर कड़ी आपत्ति जताई है.
ज़ुबैर अहमद, जो दो बच्चों के पिता हैं, ने कहा, 'मेरे बच्चों को स्कूल पहुंचने में डेढ़ घंटा लगता है, अब उन्हें सुबह 6 बजे ही निकलना पड़ेगा. वे कब उठेंगे, कब तैयार होंगे?' तबस्सुम रशीद, कक्षा 5 की छात्रा की मां, ने तंज कसते हुए कहा, 'ये फैसला लगता है जैसे एसी कमरों में बैठकर किया गया हो. निजी स्कूलों में भी सुविधा कम है और सरकारी स्कूलों में तो पंखे तक नहीं हैं.' सरकारी आंकड़े भी चिंता बढ़ाते हैं. मार्च 2024 के एक जवाब में सरकार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के 47% स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा नहीं है, और 2023 के अनुसार, 60% से अधिक सरकारी स्कूलों में बिजली नहीं है.
ऑनलाइन क्लास का विरोध, 'कौन देखेगा बच्चों को?'
सरकार ने यह भी आदेश दिया है कि स्कूल 11:30 बजे बंद होने के बाद, 12:30 से 2 बजे तक ऑनलाइन क्लासेस ली जाएंगी. लेकिन अभिभावकों का सवाल है कि जब वे खुद काम पर रहते हैं, तो बच्चे अकेले कैसे ऑनलाइन पढ़ाई करेंगे?
हजरतबल के अख्तर हुसैन ने पूछा, 'क्या अब हर बच्चे के लिए नया डिवाइस खरीदना पड़ेगा? और अगर खरीद भी लिया, तो पैरेंट्स की गैरमौजूदगी में बच्चे उसका सही इस्तेमाल कैसे करेंगे?' पूर्व शिक्षा मंत्री और पीडीपी नेता नईम अख्तर ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, 'इस सरकार ने जलवायु संकट को समझने में असफलता दिखाई है और बच्चों को प्रयोगशाला का हिस्सा बना दिया है.'
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