जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की बड़ी साजिश नाकाम, IED मिलने से मचा हड़कंप

जम्मू-कश्मीर में बड़ी आतंकी साजिश को सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया. शनिवार को सोपोर इलाके के हाइगाम के पास शनिवार को संदिग्ध चीज मिली.

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Ashutosh Rai

जम्मू-कश्मीर : जम्मू-कश्मीर में बड़ी आतंकी साजिश को सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया. शनिवार को सोपोर इलाके के हाइगाम के पास शनिवार को संदिग्ध चीज मिली. जिसकी सूचना के बाद हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची.

उन्होंने बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वाड (BDS) टीम को बुलाया. जिसके बाद पता चली कि यह इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस 'IED' है. इसके बाद क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर पुलिस और अन्य सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं. इस दौरान ट्रैफिक को दूसरी ओर डाइवर्ट किया गया.

IED को किया नष्ट
पुलिस अधिकारी ने बताया कि बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वाड की टीम ने इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) को कब्जे में लेकर उसकी जांच शुरू की. इसके बाद थोड़ी देर जांच के बाद उसे नष्ट कर दिया गया.

इस दौरान वहां अफरातफरी का माहौल रहा. पुलिस अधिकारी ने बताया कि IED को यहां पर किसने रखा है, इसकी जांच की जा रही है. पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चालू है.

क्षेत्र में अलर्ट जारी
इस दौरान यात्रियों को परेशानी हुई लेकिन सभी ने सुरक्षा बलों के फैसले का समर्थन किया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लोगों की जान बचाने के लिए यह कदम जरूरी था. पूरे इलाके में अलर्ट जारी कर दिया गया और आम लोगों को मौके से दूर रहने की सलाह दी गई. सुरक्षा बलों की सतर्कता से स्थिति को काबू में रखा गया.

IED क्या होता है?
इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) एक बम या अन्य विस्फोटक उपकरण है जिसे अनौपचारिक या गैर-पारंपरिक तरीके से बनाया और इस्तेमाल किया जाता है. इसमें अक्सर आसानी से उपलब्ध सामग्री का उपयोग किया जाता है, जो विशेष रूप से विस्फोटक के रूप में उपयोग के लिए डिजाइन नहीं की गई होती है.

IED आतंकवादियों, सैन्य बलों या अन्य व्यक्तियों या समूहों द्वा मानकर रा बनाए और उपयोग किए जा सकते हैं और आमतौर पर लोगों या बुनियादी ढांचे को विनाश, क्षति या चोट पहुंचाने के लिए डिजाइन किए जाते हैं.

प्रमुख प्रकार के मैकेनिज्म:

  • टाइम-आधारित (Timed IEDs): इसमें एक टाइमर सेट किया जाता है, जो एक निश्चित समय के बाद डिवाइस को सक्रिय करता है. यह एक जलता हुआ फ्यूज, मैकेनिकल टाइमर, या इलेक्ट्रॉनिक टाइमर हो सकता है.
  • कमांड-आधारित (Command Initiated IEDs): इन्हें किसी बाहरी सिग्नल से सक्रिय किया जाता है, जैसे:
  • कमांड वायर (Command Wire): तार के माध्यम से सिग्नल भेजकर.
  • रेडियो कंट्रोल (Radio Control - RCIED): रेडियो या मोबाइल फोन सिग्नल से.
  • इन्फ्रारेड (Infrared - IR): इन्फ्रारेड सेंसर या कंट्रोलर द्वारा.
  • विक्टिम-ऑपरेटेड (Victim-Operated IEDs - VOIEDs): ये डिवाइस तब फटते हैं जब कोई अनजान व्यक्ति उन्हें छूता या चलाता है, जैसे:
  • ट्रिप वायर (Trip Wire): तार से टकराने पर. 
  • प्रेशर प्लेट (Pressure Plate): वजन पड़ने पर. 

अन्य आधुनिक तरीके:

  1. वाई-फाई स्विच-आधारित (Wi-Fi Switch-Based): Wi-Fi सिग्नल से सक्रिय होने वाले.
  2. डुअल मैकेनिज्म (Dual Mechanism): एक से अधिक ट्रिगरिंग सिस्टम का उपयोग करते हैं (जैसे कमांड और टाइमर).
  3. रिमोटली डिलीवर्ड (Remotely Delivered): ड्रोन या यूएवी (UAV) द्वारा टारगेट तक पहुंचाए जाने वाले.