समंदर में गरजेगा भारत का युद्धपोत INS निस्तार! थर-थर कांपेंगे चीन-पाकिस्तान, इंडियन NAVY की बढ़ी ताकत

INS निस्तार में 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री है और इसमें देश भर के 120 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) की सक्रिय भागीदारी देखी गई. इस पोत के शामिल होने से अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप जटिल और मिशन-महत्वपूर्ण पोत बनाने की भारत की क्षमता का तेजी से विस्तार होगा.

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भारत सरकार ने शुक्रवार (18 जुलाई) को विशाखापत्तनम के नौसेना डॉकयार्ड में अपनी पहली पूर्ण स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV), INS निस्तार, को औपचारिक रूप से कमीशन किया. हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित 118 मीटर लंबा यह जहाज भारत की समुद्री आत्मनिर्भरता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. वहीं, गहरे समुद्र में गोताखोरी अभियानों में सक्षम, निस्तार, गहरे जलमग्न बचाव पोत (DSRV) के लिए 'मदर शिप' के रूप में भी काम करेगा, जिससे पानी के भीतर आपात स्थितियों में पनडुब्बियों से कर्मियों के बचाव और निकासी में मदद मिलेगी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने कहा, “यह परियोजना भारतीय नौसेना के जटिल स्वदेशी प्लेटफॉर्म डिजाइन और निर्माण करने के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक कदम है. इससे भारतीय नौसेना के पनडुब्बी सहायता अभियानों को काफी बढ़ावा मिलेगा.

”INS निस्तार की क्या हैं खास विशेषताएं!

INS निस्तार को कई तरह के पानी के नीचे के अभियानों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें पनडुब्बी बचाव, सैचुरेशन डाइविंग, सलवेज ऑपरेशन और डूबे हुए संसाधनों की रिकवरी शामिल हैं. यह जहाज भारत के डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल (DSRV) सिस्टम के लिए मदर शिप के रूप में कार्य करेगा, जो 1,000 मीटर की गहराई तक फंसे नाविकों को बचाने में सक्षम है. इसके अलावा, जहाज में रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल्स, डायनामिक पोजिशनिंग सिस्टम, 15 टन का सबसी क्रेन और अंडरसी सर्च के लिए साइड स्कैन सोनार जैसी अत्याधुनिक सुविधाएँ हैं.

INS निस्तार 300 मीटर तक गहरे सैचुरेशन डाइविंग और 75 मीटर तक साइड डाइविंग को सपोर्ट कर सकता है. इसमें छह लोगों के लिए डीकंप्रेशन चैंबर और डाइविंग से संबंधित चोटों के इलाज के लिए हाइपरबेरिक मेडिकल सिस्टम भी मौजूद है. जहाज पर एक ऑपरेटिंग थिएटर, गहन चिकित्सा इकाई और आठ बेड वाला अस्पताल भी है.

लंबी अवधि और आत्मरक्षा की क्षमता

INS निस्तार 60 दिनों से अधिक समय तक समुद्र में रह सकता है और इसमें 200 से अधिक कर्मियों को समायोजित करने की क्षमता है. यह दो डीजल इंजनों से संचालित है और 14 नॉट की गति से चल सकता है. जहाज के सुपरस्ट्रक्चर के सामने एक हेलीकॉप्टर डेक है, जो हवाई खोज और बचाव कार्यों के साथ-साथ घायलों को निकालने के लिए उपयोगी है. आत्मरक्षा के लिए, INS निस्तार दो AK-630 30-मिमी क्लोज-इन वेपन सिस्टम से लैस है.

स्वदेशी निर्माण और भविष्य की योजनाएँ

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, INS निस्तार 80% से अधिक स्वदेशी है और इसमें 120 से अधिक भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का योगदान है. इस जहाज की बहन नौका, निपुण, जल्द ही नौसेना के बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है. यह परियोजना भारत की समुद्री ताकत और स्वदेशी रक्षा निर्माण की क्षमता को दर्शाती है.

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