Himachal Pradesh Landslide: हिमाचल में फटी धरती, कैमरे में कैद हुआ चौकर गांव में तबाही का मंजर
Himachal Pradesh Landslide: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के चौकर गांव में भीषण भूस्खलन हुआ, जिसमें पहाड़ी का बड़ा हिस्सा धंस गया है. हादसे में पांच लोग बाल-बाल बचे, लेकिन पांच घर खतरे में आ गए हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने राज्य को मानसून से हुई तबाही पर चिंता जताई और प्रभावित परिवारों के लिए राहत का ऐलान किया है.
Himachal Pradesh Landslide: हिमाचल प्रदेश एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है. सिरमौर जिले के नौहराधार क्षेत्र के चौकर गांव के पास शनिवार को एक बड़ा भूस्खलन हुआ, जिससे गांववालों में दहशत फैल गई है. इस हादसे में पांच घर खतरे के क्षेत्र में आ गए हैं. हालांकि राहत की बात यह रही कि घटना के समय मौके पर मौजूद पांच लोग सुरक्षित बच निकले हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पहाड़ी का करीब 200 मीटर लंबा हिस्सा धंस गया है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो फुटेज में भूस्खलन अपने रास्ते में आने वाले पेड़ों और हरे-भरे जंगलों को बहाता हुआ दिखाई दे रहा है. लोग शोर मचाकर दूसरों को सचेत करते हुए भी नजर आए. एक ग्रामीण ने कहा, 'चौकर में हुआ भूस्खलन, बड़ी दुर्घटना घटने से बची है अभी'. इस दौरान ढलान से लगातार पत्थर गिरते रहे, जिससे हालात और भी खतरनाक बने रहे.
मानसून से बिगड़े हालात
हिमाचल प्रदेश इस साल भारी मानसून की मार झेल रहा है. लगातार बारिश से भूस्खलन, सड़कें टूटने और मकानों को नुकसान होने की घटनाएं सामने आ रही हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने हाल ही में कहा था कि राज्य में इस बार का मानसून 'व्यापक तबाही मचाने वाला और जान-माल का भारी नुकसान पहुंचाने वाला' साबित हुआ है.
20 जून से अब तक राज्य को ₹3,690 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है. लोक निर्माण विभाग को अकेले ₹2,252 करोड़ का नुकसान हुआ है, जबकि जल शक्ति विभाग ने ₹1,147 करोड़ के नुकसान की जानकारी दी है.
प्रभावित परिवारों को राहत
मुख्यमंत्री सुखू ने कहा कि सरकार ने केंद्र से प्रभावित हर परिवार को एक बीघा वन भूमि आवंटित करने की मंजूरी मांगी है. साथ ही, खराब मौसम और खराब सड़क स्थिति को देखते हुए सभी परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई हैं. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन और पुनर्वास के लिए ₹3,000 करोड़ की एक परियोजना तैयार की है, जिसके लिए विश्व बैंक से सहायता मांगी गई है. सुखू ने यह भी स्पष्ट किया कि अभी तक राज्य को केंद्र सरकार से कोई सीधी मदद नहीं मिली है और सरकार अपने सीमित संसाधनों से ही राहत कार्य चला रही है.
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