GST 2.0 पूरा, वित्त मंत्रालय में अगला बड़ा सुधार क्या? केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने दिया ये जवाब
GST 2.0: गैर-वित्तीय संस्थानों से जुड़े लाइसेंस, प्रमाणन और अनुमतियों को सरल बनाने की दिशा में काम होगा. इसका उद्देश्य व्यापारिक गतिविधियों में पारदर्शिता और गति लाना है. बजट 2025 में वित्त मंत्री ने एक नियामक सुधार समिति की घोषणा की थी.
GST 2.0: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में लागू किए गए GST 2.0 सुधारों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम कदम है. नई दर संरचना से न केवल खपत में इजाफा होगा बल्कि व्यापारिक गतिविधियों को भी मजबूती मिलेगी. उनका कहना है कि यह सुधार एक कठिन परीक्षा की तरह था, लेकिन टीम वर्क और प्रयासों से इसे सफलतापूर्वक लागू किया गया. अब असली परीक्षा यह देखने की होगी कि जनता को इससे कितना वास्तविक लाभ मिलता है.
वित्त मंत्री ने संकेत दिया है कि जीएसटी सुधारों के बाद अब मंत्रालय का ध्यान गैर-वित्तीय नियामकों पर होगा. इसमें भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI), भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) जैसे संस्थानों के नियमों की समीक्षा और सरलीकरण शामिल है. सरकार का लक्ष्य है कि व्यापार सुगमता (Ease of Doing Business) को नई ऊंचाई मिले और उद्योगों पर अनावश्यक नियमों का बोझ कम किया जा सके.
नई दर संरचना लागू
जीएसटी परिषद ने 22 सितंबर से नई दर संरचना लागू कर दी है. इसमें दो स्तरीय टैक्स व्यवस्था यानी 5% और 18% दरों को मंजूरी दी गई है. माना जा रहा है कि इस बदलाव से बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी.
अगला एजेंडा स्पष्ट
वित्त मंत्री सीतारमण का मानना है कि GST 2.0 से खपत में बढ़ोतरी होगी. अधिक खपत का सीधा असर उत्पादन, रोजगार और आर्थिक विकास पर पड़ेगा. अब सरकार का अगला फोकस गैर-वित्तीय नियामकों पर है. वित्त मंत्री ने कहा कि यह क्षेत्र सुधार की मांग करता है और इसे लेकर मंत्रालय ने पहले ही दिशा तय कर दी है.
गैर-वित्तीय क्षेत्र पर सुधार
गैर-वित्तीय संस्थानों से जुड़े लाइसेंस, प्रमाणन और अनुमतियों को सरल बनाने की दिशा में काम होगा. इसका उद्देश्य व्यापारिक गतिविधियों में पारदर्शिता और गति लाना है. बजट 2025 में वित्त मंत्री ने एक नियामक सुधार समिति की घोषणा की थी. यह समिति गैर-वित्तीय क्षेत्र के सभी नियमों की समीक्षा करेगी और सुधार की सिफारिशें देगी.
राज्यों की भागीदारी जरूरी
सीतारमण ने कहा कि केवल केंद्र ही नहीं, बल्कि राज्यों की भागीदारी भी इस प्रक्रिया में अहम होगी. राज्यों को सुधारों का हिस्सा बनाना आवश्यक है ताकि व्यवसाय करने की सुगमता हर स्तर पर सुनिश्चित हो सके. उच्च स्तरीय समिति को अपनी रिपोर्ट एक साल के भीतर देनी है. इसके आधार पर सरकार गैर-वित्तीय क्षेत्रों में बड़े सुधार लागू करेगी.
सीतारमण का अनुभव
वित्त मंत्री ने कहा कि GST सुधार उनके लिए एक कठिन परीक्षा की तरह रहे. लेकिन अब जब यह लागू हो गए हैं, तो उन्हें टीम के प्रयासों पर गर्व है. अब सबसे बड़ी चुनौती यह है कि ये सुधार आम जनता तक कैसे फायदा पहुंचाते हैं. सीतारमण ने कहा कि वह उत्सुक हैं यह देखने के लिए कि लोग इन बदलावों से किस तरह लाभान्वित होते हैं.
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