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जम्मू-कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक की हालत गंभीर, भावुक पोस्ट कर जारी किया फोन नंबर

सत्यपाल मलिक अपनी बेबाकी और स्पष्टवादिता के लिए जाने जाते हैं, पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती हैं. उनकी किडनी की समस्या ने उनकी हालत को गंभीर बना दिया है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Satyapal Malik
Courtesy: Social Media

जम्मू-कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक इन दिनों गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं. किडनी की बीमारी के कारण उन्हें 11 मई 2025 को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वह वर्तमान में डायलिसिस पर हैं. इस बीच मलिक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी हालत को लेकर कई भावुक पोस्ट साझा की हैं जो न केवल उनकी स्वास्थ्य स्थिति को दर्शाती हैं, बल्कि उनके देश के प्रति समर्पण और सच्चाई के प्रति प्रतिबद्धता को भी उजागर करती हैं. उनकी नवीनतम पोस्ट जिसमें उन्होंने लिखा कि हालात बहुत गंभीर. 

सत्यपाल मलिक अपनी बेबाकी और स्पष्टवादिता के लिए जाने जाते हैं, पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती हैं. उनकी किडनी की समस्या ने उनकी हालत को गंभीर बना दिया है. एक दिन पहले की पोस्ट में उन्होंने बताया कि वह कुछ समय के लिए ठीक महसूस कर रहे थे, लेकिन अचानक उनकी हालत फिर से बिगड़ गई, जिसके कारण उन्हें आईसीयू में शिफ्ट करना पड़ा. मलिक ने अपनी पोस्ट में लिखा कि मेरी हालत बहुत गंभीर होती जा रही है. मैं रहूं या ना रहूं, इसलिए अपने देशवासियों को सच्चाई बताना चाहता हूं." इस भावुक संदेश ने न केवल उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ाई है, बल्कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर भी चर्चा को जन्म दिया है.

सत्यपाल मलिक का संदेश

अपनी पोस्ट में मलिक ने देशवासियों से सच्चाई के रास्ते पर चलने की अपील की है. हालांकि, उन्होंने अपनी पोस्ट में उन विशिष्ट मुद्दों का जिक्र नहीं किया, जिन पर वह बात करना चाहते हैं लेकिन उनके पिछले बयानों को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वह जम्मू-कश्मीर और देश की राजनीति से जुड़े कुछ संवेदनशील विषयों पर अपनी राय रखना चाहते हैं. मलिक पहले भी कई बार भ्रष्टाचार, नीतिगत मुद्दों और प्रशासनिक अनियमितताओं पर खुलकर बोल चुके हैं. उनकी यह बेबाकी उन्हें एक अलग पहचान देती है.

सत्यपाल मलिक का राजनीतिक सफर

सत्यपाल मलिक ने अपने लंबे राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं. वह जम्मू-कश्मीर के गवर्नर रहे, जब 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया था. इसके अलावा, वह बिहार, गोवा और मेघालय जैसे राज्यों के गवर्नर भी रह चुके हैं. अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने हमेशा जनता के हितों को प्राथमिकता दी और कई विवादास्पद मुद्दों पर अपनी राय स्पष्ट रूप से रखी. हाल के वर्षों में, उन्होंने केंद्र सरकार की कुछ नीतियों की आलोचना भी की थी, जिसके कारण वह सुर्खियों में रहे.