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'BLO पर दबाव बर्दाश्त नहीं', चुनाव आयोग की तृणमूल को कड़ी चेतावनी

चुनाव आयोग ने बीएलओ पर कथित दबाव और हस्तक्षेप को लेकर तृणमूल कांग्रेस को चेतावनी दी है. आयोग ने कहा कि वोटर लिस्ट रिवीजन प्रक्रिया में किसी भी तरह का राजनीतिक प्रभाव या बाधा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और कार्रवाई की जा सकती है.

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Kanhaiya Kumar Jha

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को साफ चेतावनी दी है कि विशेष सारांश पुनरीक्षण (SIR) के दौरान बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) पर किसी तरह का दबाव या धमकी न दी जाए. आयोग ने कहा कि बीएलओ बिना हस्तक्षेप और भय के अपने काम को अंजाम दें, ताकि मृत मतदाताओं, स्थानांतरित लोगों और डुप्लीकेट एंट्री की पहचान निष्पक्ष तरीके से पूरी हो सके.

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि बीएलओ को स्वतंत्र माहौल मिलना लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मूल है और इसमें किसी भी राजनीतिक दल या कार्यकर्ता का दखल अस्वीकार्य है.

टीएमसी की चिंताओं को आयोग ने बताया निराधार

बैठक के दौरान टीएमसी द्वारा उठाई गई सभी आपत्तियों को चुनाव आयोग ने बिंदुवार खारिज कर दिया. आयोग का कहना है कि पार्टी की शिकायतों में तथ्य नहीं पाए गए और प्रशासनिक प्रक्रिया तय मानकों के अनुसार चल रही है.

चुनाव आयोग ने टीएमसी से कहा कि ड्राफ्ट मतदाता सूची 9 दिसंबर को साझा की जाएगी. उसी दिन पार्टी चाहे तो दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकती है. तब तक पार्टी कार्यकर्ताओं को बीएलओ, निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO) और जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) के कार्यों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप न करने का निर्देश दिया गया है.

सीईओ कार्यालय में सुरक्षा उल्लंघन का मामला

चुनाव आयोग ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के कार्यालय में हुई सुरक्षा चूक का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसे हालात स्वीकार्य नहीं हैं. आयोग ने निर्देश जारी किया कि सीईओ का कार्यालय अधिक सुरक्षित परिसर में स्थानांतरित किया जाए.

कोलकाता पुलिस आयुक्त को भवन की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही, पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक और कोलकाता पुलिस कमिश्नर को औपचारिक पत्र भेजकर यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि बीएलओ को किसी राजनीतिक कार्यकर्ता द्वारा दबाव, डराने या धमकाने की कोशिश न की जाए.

मतदान केंद्रों के विस्तार पर भी निर्देश

चुनाव आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को देश भर में गाइडलाइंस के अनुसार नए मतदान केंद्रों की स्थापना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. खासकर झुग्गी-झोपड़ियों, ऊँची इमारतों और गेटेड सोसाइटीज जैसे इलाकों में नए बूथ जोड़े जा रहे हैं, ताकि मतदाताओं को बेहतर पहुंच मिले.

एसआईआर के दूसरे चरण की प्रगति

आयोग ने बताया कि एसआईआर के दूसरे चरण में अब तक लगभग 38 करोड़ फॉर्म डिजिटाइज किए जा चुके हैं, जो कुल का 74% से अधिक है. इसके अलावा, 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता गणना फॉर्म का 99.43% यानी 50.68 करोड़ फॉर्म मतदाताओं को सौंपे जा चुके हैं. इन्हें जमा करने के लिए अभी सात दिन और दिए गए हैं.