'सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष...', कांग्रेस ने 'मनरेगा बचाओ आंदोलन' शुरू करने का किया ऐलान
कांग्रेस नेतृत्व ने केंद्र सरकार पर मनरेगा (MGNREGA) योजना को कमजोर करने का आरोप लगाया और इसके विरोध में 5 जनवरी 2026 से देशव्यापी 'मनरेगा बचाओ आंदोलन' शुरू करने का ऐलान किया.
नई दिल्ली: कोटला मार्ग पर स्थित नए कांग्रेस मुख्यालय 'इंदिरा भवन' में शनिवार को कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की अहम बैठक आयोजित की गई. इस बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता की. इस दौरान कांग्रेस नेतृत्व ने केंद्र सरकार पर मनरेगा (MGNREGA) योजना को कमजोर करने का आरोप लगाया और इसके विरोध में 5 जनवरी 2026 से देशव्यापी 'मनरेगा बचाओ आंदोलन' शुरू करने का ऐलान किया.
राहुल गांधी ने केंद्र पर साधा निशाना
वहीं, राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं थी, बल्कि यह काम के अधिकार पर आधारित एक विचार था. मनरेगा से देश में करोड़ों लोगों को न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित होती थी. मनरेगा पंचायती राज में सीधा राजनीतिक हिस्सेदारी और फाइनेंस सपोर्ट का साधन था. केंद्र सरकार अधिकारों के विचार और संघीय ढांचे पर हमला कर रही है.
सरकार राज्यों से पैसा छीन रही है. यह सत्ता का केन्द्रीकरण और फाइनेंस का केन्द्रीकरण है. इससे देश और गरीब जनता को नुकसान है. यह फैसला सीधे प्रधानमंत्री दफ्तर से लिया गया है और मंत्री, कैबिनेट से बिना पूछे यह फैसला लिया गया है. इससे पता चलता है कि देश में वन मैन शो चल रहा है.
'मनरेगा के खात्मे का एक ही मकसद है'
राहुल गांधी ने आगे कहा कि मनरेगा के खात्मे का एक ही मकसद है. गरीबों के रोजगार के अधिकार को मिटाना. राज्यों से आर्थिक और राजनीतिक शक्ति चुराना और उस पैसे को अरबपति मित्रों को पकड़ाना. 'एक अकेले' प्रधानमंत्री की मनमानी का नुकसान पूरा भारत भुगतेगा. रोजगार खत्म होंगे, ग्रामीण अर्थव्यवस्था टूटेगी और जब गांव कमजोर होंगे, तो देश कमजोर होगा.