'मनमोहन सिंह मेरे मित्र, मार्गदर्शक और संरक्षक', पूर्व पीएम को याद करते हुए भावुक हो गईं सोनिया गांधी
भारत के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य प्रमुख नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. मनमोहन सिंह का निधन बुधवार रात AIIMS, दिल्ली में हुआ. वह 92 साल के थे और उनके परिवार में उनकी पत्नी और तीन बेटियां हैं.
Manmohan Singh Death: कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार (27 दिसंबर) को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया. इस दौरान उन्होंने उन्हें "ज्ञान, महानता और विनम्रता का प्रतीक" करार दिया. सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह को अपना "मित्र, मार्गदर्शक और संरक्षक" बताते हुए कहा कि उनके निधन से "हमारे राष्ट्रीय जीवन में एक ऐसा खालीपन आ गया है जिसे कभी नहीं भरा जा सकेगा.
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बयान में कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक ऐसा नेता खो दिया है जो बुद्धिमत्ता, कुलीनता और विनम्रता की प्रतिमूर्ति थे, जिन्होंने पूरे दिल और दिमाग से हमारे देश की सेवा की. कांग्रेस पार्टी के लिए एक उज्ज्वल और प्रिय मार्गदर्शक, उनकी करुणा और दूरदर्शिता ने लाखों भारतीयों के जीवन को बदल दिया और उन्हें सशक्त बनाया.
डॉ मनमोहन ने भारत को गौरव और सम्मान दिलाया
सोनिया गांधी ने कहा,' मनमोहन सिंह को भारत के लोग उनके निष्कलंक दिल और मस्तिष्क के कारण बेहद प्यार करते थे. "उनकी सलाह, विवेकपूर्ण मार्गदर्शन और विचारों को हमारे देश में राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी वर्गों में गहरे सम्मान और आस्थावान तरीके से लिया जाता था. दुनिया भर के नेताओं और विद्वानों द्वारा सम्मानित और सराहा गया, वह एक अत्यंत बुद्धिमान और ऊंचे दर्जे के राजनेता के रूप में पहचाने जाते थे. डॉ. मनमोहन सिंह ने जिस भी उच्च पद पर काम किया, उन्होंने वहां अपनी विशिष्टता और चमक दिखाई. साथ ही उन्होंने भारत को गौरव और सम्मान दिलाया.
मनमोहन सिंह का जाना व्यक्तिगत नुकसान
सोनिया गांधी ने आगे कहा कि अर्थशास्त्री से राजनेता बने गांधी का निधन उनके लिए गहरी व्यक्तिगत क्षति है. उन्होंने कहा, "वे मेरे मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक थे. वे अपने व्यवहार में बहुत विनम्र थे, लेकिन अपनी गहरी मान्यताओं में बहुत दृढ़ थे. सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता गहरी और अटूट थी. उनके साथ कुछ भी समय बिताना, उनके ज्ञान और बुद्धिमत्ता से प्रबुद्ध होना, उनकी ईमानदारी और निष्ठा से प्रभावित होना और उनकी वास्तविक विनम्रता से आश्चर्यचकित होना था.
डॉ मनमोहन सिंह के योगदान को सलाम
सोनिया गांधी ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के योगदानों को कभी नहीं भुलाया जा सकता. "वह हमारे राष्ट्रीय जीवन में एक खालीपन छोड़कर गए हैं, जिसे कभी नहीं भरा जा सकेगा. हम कांग्रेस पार्टी में और भारत के लोग हमेशा गर्व महसूस करेंगे और उनके योगदानों के लिए आभारी रहेंगे, जिनसे भारत की प्रगति और विकास को कोई माप नहीं सकता.