कांग्रेस की CWC की बैठक, शशि थरूर और सिद्धारमैया रहे मौजूद, खरगे ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, पूर्व सांसद सलमान खुर्शीद, सांसद अभिषेक मनु सिंहवी और राजीव शुक्ला सहित कई प्रमुख नेता विचार-विमर्श में उपस्थित रहे.

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Gyanendra Sharma

नई दिल्ली: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को नई दिल्ली के इंदिरा भवन स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक की अध्यक्षता की. र्तमान में चल रही उच्च स्तरीय बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भाग ले रहे हैं.

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, पूर्व सांसद सलमान खुर्शीद, सांसद अभिषेक मनु सिंहवी और राजीव शुक्ला सहित कई प्रमुख नेता विचार-विमर्श में उपस्थित रहे.

शशि थरूर और सिद्धारमैया रहे मौजूद

कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी बैठक में उपस्थित दिखे, हालांकि हाल ही में उनके कुछ बयान कथित तौर पर पार्टी के आधिकारिक रुख से मेल नहीं खाते थे. कांग्रेस नेता हरीश रावत ने बैठक को "अत्यंत महत्वपूर्ण" बताया. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "स्वतंत्र भारत में महात्मा गांधी का नाम एमजीएनआरईजीए से हटाना अकल्पनीय है. यह एक सरासर अस्वीकार्य निर्णय है."

कांग्रेस कार्यसमिति की अहम बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि देश इस समय ऐसे दौर से गुजर रहा है, जहां लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर की जा रही हैं, संविधान की भावना को चोट पहुंच रही है और आम नागरिक के अधिकार लगातार सिमटते जा रहे हैं. 

मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र पर साधा निशाना

मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद के शीतकालीन सत्र का जिक्र किया और कहा कि मोदी सरकार ने मनरेगा जैसी ऐतिहासिक योजना को कमजोर कर करोड़ों गरीबों, मजदूरों और ग्रामीण परिवारों की रोजी-रोटी पर सीधा प्रहार किया है. खरगे ने इसे गरीबों के पेट पर लात और पीठ में छुरा घोंपने जैसा बताया. खरगे के शब्दों में मनरेगा को खत्म करना सिर्फ एक योजना का अंत नहीं, बल्कि महात्मा गांधी के विचारों और उनके सम्मान पर हमला है.