AQI

KCR के कार्यकाल में 24X7 सर्विलांस पर थे सीएम रेवंत रेड्डी, 25 लोग रखते थे हर हरकत पर निगरानी

CM Revanth Reddy Tracking: तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी पर निगरानी रखने के मामले में एक नया खुलासा हुआ है जिसके तहत पूर्व सीएम केसीआर के कार्यकाल के दौरान 25 पुलिस ऑफिसर्स की टीम नजर रखने के लिए बनाई गई थी. 

India Daily Live

CM Revanth Reddy Tracking: तेलंगाना के सीएम ए रेवंत रेड्डी पर नजर रखने के मामले में बड़ा खुलासा सामने आया है. एक मीडिया अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार पूर्व सीएम केसीआर के कार्यकाल के दौरान कम से कम 25 पुलिसकर्मियों की एक टीम सीएम ए रेवंत रेड्डी पर नजर रखे हुए थी.

सूत्र के अनुसार रेवंत रेड्डी की ये निगरानी सिर्फ इस वजह से की गई क्योंकि उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव समेत बीआरएस की लीडरशिप पर सीधे और निजी हमले किए थे. इस काम के लिए खुफिया एजेंसियों के सबसे भरोसेमंद और कुशल ऑफिसर्स को चुना गया और उन्हें रेवंत पर सर्विलांस करने के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई.

रेवंत रेड्डी की गतिविधियों पर थी नजर

जहां कुछ ऑफिसर्स फोन टैपिंग कर रहे थे तो वहीं पर कुछ रेड्डी के बंजारा हिल्स में बने घर पर नजर रख रहे थे. वहीं उन फाइनेंसर्स की भी पहचान की जा रही थी जो रेवंत का समर्थन कर रहे थे, खासतौर से जो लोग चुनावों के दौरान उनकी गतिविधियों में सक्रिय थे उन पर पैनी निगरानी की जा रही थी. ये सारी चीजें रेवंत की राजनीतिक चालों पर नजर रखने के अलावा की जा रही थी.

सर्विलांस पर थे विपक्ष के कई नेता

सूत्रों के मुताबिक बीआरएस सरकार के दौरान रेवंत अकेले नेता नहीं थे जिन पर नजर रखी जा रही थी, इसमें विपक्ष के कई नेता थे लेकिन टारगेटेज सर्विलांस में रेवंत पहले नंबर पर थे तो पूर्व बीआरएस मंत्री और अब भाजपा नेता एटाला राजेंदर दूसरे स्थान पर थे. उल्लेखनीय है कि साल 2021 में एटाला और केसीआर के बीच अनबन हो गई थी जिसके बाद उन पर नजर रखी जाने लगी.

उल्लेखनीय है कि रेवंत पर पहली बार 2015 में खुफिया अधिकारियों की मदद से कैश-फॉर-वोट मामले में मामला दर्ज किया गया था, लेकिन माना जाता है कि उनकी परमानेंट ट्रैकिंग साल 2018 में शुरू हुई जब वह कांग्रेस में शामिल हुए और बाद में तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बने. दिसंबर 2023 में आयोजित हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम घोषित होने तक स्पेशल इंटेलिजेंस ब्यूरो (एसआईबी) की खास 'रेवंत टीम' ने निगरानी की.

क्यों निशाने पर आए रेवंत?

मीडिया से बात करते हुए सूत्र ने कहा,'रेवंत ने न केवल केसीआर पर हमला किया, बल्कि उनके परिवार के सदस्यों और उनके करीबी सहयोगियों पर भी हमला किया, जिससे वह निशाना बन गए. हम अब इस बारे में जानकारी एकत्र कर रहे हैं कि क्या निगरानी रखने का निर्णय एसआईबी ने अपनी मर्जी से लिया था या उन्हें राजनीतिक नेतृत्व से आदेश मिला था.'

आपको बता दें कि पिछले एक महीने के अंदर की गई सभी फोन टैपिंग फाइल्स में अभी तक कोई भी ऐसी टेप नहीं है जिसमें उनकी बातचीत रिकॉर्ड की गई है. कथित तौर पर एसआईबी के पूर्व पुलिस उपाधीक्षक डी प्रणीत राव ने  उन सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस को नष्ट कर दिया है जिनसे यह काम किया गया था और निगरानी के दौरान कलेक्ट किए डेटा को भी मिटा दिया है. हालांकि एजेंसी उन विपक्षी नेताओं और उनके सहयोगियों के उन फोन नंबर्स का पता लगाने में कामयाब रही है जिन्हें ट्रैक किया जा रहा था. प्रणीत इस मामले में गिरफ्तार होने वाले पहले पुलिस अधिकारी थे.