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CBI On Human Trafficking Networks: झांसा देकर रूस-यूक्रेन जंग में फंसाया, ह्यूमन ट्रैफिकिंग एंगल पर CBI का एक्शन, 13 शहरों में छापेमारी

CBI On Human Trafficking Networks: भारतीय युवाओं को रूस-यूक्रेन युद्ध में झोंकने वाले संदिग्ध वीजा एजेंसियों के खिलाफ CBI की कार्रवाई शुरू हो गई है. सीबीआई ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरै और चेन्नई समेत देश भर में 10 से अधिक स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया.

फोटो क्रेडिट- इंडियन एक्सप्रेस
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CBI On Human Trafficking Networks: रूस-यूक्रेन युद्ध में 2 भारतीयों की मौत के कुछ दिनों बाद, केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी CBI ने बड़ा कदम उठाया है. CBI ने इस मामले में मानव तस्करी नेटवर्क के खिलाफ एक्शन लेते हुए, कई शहरों में जांच पड़ताल की है. आरोप है कि मानव तस्कर गिरोहों ने भारतीय युवाओं को बेहतर नौकरी का झांसा दिया और उन्हें रूस ले गए. इसके बाद यूक्रेन के खिलाफ जंग में झोंक दिया गया.

CBI अधिकारियों ने सीएनएन-न्यूज18 को बताया कि आकर्षक नौकरियों की आड़ में युवाओं को रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में भेजने और काम पर रखने के आरोप में बुधवार को विभिन्न वीजा कंसल्टेंसी फर्मों और एजेंटों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इन एजेंटों का मानव तस्करी का नेटवर्क देशभर के कई राज्यों में फैला हुआ है.

देशभर में 13 से अधिक स्थानों पर ली गई तलाशी

अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरै और चेन्नई समेत देश भर में 13 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली गई है. CBI के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक 50 लाख रुपये से अधिक, आपत्तिजनक दस्तावेज, लैपटॉप, मोबाइल, डेस्कटॉप आदि जैसे इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं.

CBI के अनुसार, ये तस्कर एक संगठित नेटवर्क के तहत काम कर रहे हैं. ये भारतीय युवाओं को सोशल मीडिया और अपने लोकल कॉन्टैक्ट या एजेंटों के माध्यम से फंसा दे रहे थे और विदेश में बेहतर नौकरी का झांसा दे रहे थे. 

CBI ने कई संदिग्धों को हिरासत में भी लिया

केंद्रीय एजेंसी ने जिन शहरों में छापेमारी की, वहां से कई संदिग्धों को हिरासत में भी लिया गया है. अधिकारियों ने कहा कि इन वीजा एजेंटों से उनकी कार्यप्रणाली के बारे में पूछताछ की जा रही है. CBI ने अब तक पीड़ितों को गुमराह कर विदेश भेजने के कम से कम 35 मामले पुष्ट किए हैं. तलाशी और पूछताछ का मौजूदा दौर जाल में फंसाए गए पीड़ितों की संख्या का पता लगाने और भारत से रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में किसी और तस्करी को रोकने के लिए किया जा रहा है.