Kerala Local Body Results: केरल की राजधानी में लहराया 'भगवा', शशि थरूर के गढ़ में बीजेपी ने जीत हासिल कर रच दिया इतिहास
केरल स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम और त्रिपुनिथुरा नगरपालिका में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है.
तिरुवनंतपुरम: केरल के स्थानीय निकाय चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA ने बड़ा राजनीतिक उलटफेर करते हुए ऐतिहासिक सफलता दर्ज की है. भाजपा ने राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम नगर निगम पर कब्जा जमाया है, जिसे कांग्रेस सांसद शशि थरूर का गढ़ माना जाता है.
इसके साथ ही एनडीए ने एर्नाकुलम जिले की त्रिपुनिथुरा नगरपालिका में भी वाम लोकतांत्रिक मोर्चा से सत्ता छीन ली है. इन नतीजों को केरल की राजनीति में बड़ा बदलाव माना जा रहा है. तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा की जीत को सबसे अहम उपलब्धि माना जा रहा है. दशकों से यहां वाम दलों का दबदबा रहा है, लेकिन इस बार शहरी मतदाताओं ने बदलाव के पक्ष में मतदान किया.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने क्या कहा?
इस जीत ने यह संकेत दिया है कि केरल के शहरी इलाकों में भाजपा की स्वीकार्यता बढ़ रही है. चुनाव नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया और जनता के फैसले का सम्मान करने की बात कही. शशि थरूर ने कहा कि उन्होंने वाम मोर्चे के लंबे शासन के खिलाफ बदलाव के लिए अभियान चलाया था, लेकिन मतदाताओं ने भाजपा को भी विकल्प के रूप में स्वीकार किया.
उन्होंने भाजपा की इस ऐतिहासिक जीत को स्वीकार करते हुए कहा कि जनता का फैसला सर्वोपरि है और सभी दलों को इसका सम्मान करना चाहिए.
किसको कितनी मिली सीट?
एर्नाकुलम जिले की त्रिपुनिथुरा नगरपालिका में भी एनडीए ने पहली बार बहुमत हासिल किया है. 53 सदस्यीय परिषद में एनडीए को 21 सीटें मिली हैं, जबकि वाम मोर्चा 20 सीटों पर सिमट गया. कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ 12 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रहा. यह नगरपालिका लंबे समय से वाम और कांग्रेस गठबंधनों के बीच अदला बदली का केंद्र रही है, लेकिन इस बार भाजपा गठबंधन ने बाजी मार ली.
इसके अलावा पालक्काड नगरपालिका में भाजपा ने अपनी स्थिति मजबूत रखते हुए सत्ता बरकरार रखी है. यहां भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और वाम मोर्चा काफी पीछे रह गया.
क्या 2026 के चुनाव पर पड़ेगा इसका असर?
केरल स्थानीय निकाय चुनाव दो चरणों में 9 और 11 दिसंबर को कराए गए थे. राज्य चुनाव आयोग के अनुसार कुल मतदान प्रतिशत 73.69 रहा. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन नतीजों का असर 2026 के केरल विधानसभा चुनाव पर भी देखने को मिल सकता है. भाजपा की शहरी क्षेत्रों में बढ़त ने राज्य की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है.
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