Ayodhya Mosque Deal: अयोध्या में तैयार हो रहे राम मंदिर के उद्घाटन में अब महज कुछ महीनों का वक्त है. इसी बीच श्री राम मंदिर ट्रस्ट पर एक संगीन आरोप लगे हैं. श्री राम मंदिर ट्रस्ट पर गलत तरीके से पांजी टोला में स्थित एक मस्जिद को खरीदने का आरोप लगा है. नया घाट से सहादतगंज तक बन रहा 13 किमी लंबा रामपथ इसी मस्जिद के बगल से निकला है. इस मस्जिद को खरीदने के लिए श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने मस्जिद के केयरटेकर रईस अहमद से 30 लाख रुपए में इसका एग्रीमेंट किया गया और 15 लाख रुपए का एडवांस भी दे दिया गया.
आपको बता दें, यह मस्जिद सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की है लेकिन इस सौदे के बारे में वक्फ बोर्ड को पता तक नहीं है. खबर सामने आने के बाद अंजुमन मुहाफिज मसाजिद और मकाबिर कमेटी के महासचिव मोहम्मद आजम कादरी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने कहा कि अयोध्या में वक्फ की जितनी भी संपत्ति है, मस्जिद, कब्रिस्तान, दरगाह या मजार, सबकी देखरेख का जिम्मा मेरे पास है इसलिए मैंने बद्र मस्जिद का मसला उठाया है. इस पूरे मामले में राम मंदिर ट्रस्ट ने फिलहाल चुप्पी साध ली है.
ये भी पढ़ें: Cyclone: 'तेज' का बढ़ा प्रकोप, बंगाल की खाड़ी में बन रहा ‘हामून’
मस्जिद की जमीन को बेचने की खबर सामने आने के बाद मुस्लिम समुदाय में नाराज़गी देखने का मिल रहा है. मस्जिद के मुतवल्ली और राम मंदिर ट्रस्ट के बीच हुए इस एग्रीमेंट में गवाह के तौर पर हस्ताक्षर करने वाले मुतवल्ली और मस्जिद समिति के अन्य सदस्य के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की गई है. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जिला मजिस्ट्रेट से इस एग्रीमेंट को रद्द करने की भी अपील की है. इस पूरे मामले में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में भी शिकायत दर्ज कराई गई है
इस पूरे मामले को लेकर मस्जिद के केयरटेकर रईस अहमद का कहना है कि मस्जिद का आधे से ज्यादा हिस्सा सड़क चौड़ी करने में चला गया है. यह पूरा मोहल्ला श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट एक्वायर कर लेगा. फिर मोहल्ले के लोग भी नहीं रह जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि ट्रस्ट से जब हमने बात की तो उन्होंने कहा कि आप मस्जिद किसी और जगह शिफ्ट कर लो. रईस ने आगे कहा कि मस्जिद में जितने नमाजी आते थे, उन्होंने सहमति दी, तभी हमने एग्रीमेंट किया.
ये भी पढ़ें: Rajasthan Election: असदुद्दीन ओवैसी का दावा- ‘PM मोदी को हीरो मानते हैं राहुल गांधी और अशोक गहलोत का वोटर’